अमृतसर-भटिंडा ट्रेन बिना गार्ड के दौड़ी

punjabkesari.in Monday, Jan 26, 2015 - 03:14 AM (IST)

अमृतसर(जश्न): रेलवे प्रशासन रेल यात्रियों की सुरक्षा को चाक चौबंद रखने के बड़े-बड़े दावे करता है, परंतु एक ऐसी घटना सामने आई जिससे अमृतसर रेलवे प्रशासन की लचर कार्यप्रणाली की सच्चाई सामने आती है। ये सारा मामला 23 जनवरी को अमृतसर-भटिंडा-जम्मू को जाने वाली रेलगाड़ी (नंबर 19225 और 19226 डाऊन) को लेकर है जोकि स्टेशन प्रशासन ने बिना ट्रेन गार्ड के ही दौड़ा दी और उसकी जगह पर ट्रेन क्लर्क को ड्यूटी पर तैनात कर दिया, जिसको न तो गार्ड के कार्यों की ट्रेर्निग होती है, न ही उसको पूरे रूट का पता होता है और न ही उसके पास गार्ड वाले सभी यंत्र होते हैं। 
 
स्टेशन प्रशासन की इस करनी से सैंकड़ों यात्रियों की सुरक्षा को ताक पर रखा गया, अगर खुदा न खास्ता गार्ड की अनुपस्थिति में कोई घटना घट जाती है तो उसका जिम्मेदार कौन होता? पता चला है कि यह सारा मामला सीनियर डी.ओ.एम. व डी.आर.एम. फिरोजपुर के पास पहुंच चुका है और अंदरखाते इसकी गहन जांच-पड़ताल चल रही है। विश्वसनीय सूत्रों ने बताया कि 23 जनवरी को देर रात 1.30 बजे जब रेलगाड़ी अमृतसर-भटिंडा-जम्मू (नंबर 19225) चलने लगी तो पता चला कि उक्त गाड़ी में किसी ट्रेन गार्ड की नियुक्त नहीं है। जब यह बात स्टेशन के उच्चाधिकारियों के पास पहुंची तो उन्होंने देर रात होने के कारण उक्त ट्रेन में स्टेशन के एक ट्रेन क्लर्क की ड्यूटी लगा दी, जोकि उक्त रेलगाड़ी को लेकर रवाना हुआ। 
 
ज्ञात रहे कि अन्य कई सुरक्षा उपकरण गार्ड के पास ट्रेन के रवाना होने वक्त होते हैं जो ट्रेन क्लर्क के पास नहीं होते। वह भी ट्रेन क्लर्क के पास कत्तई नहीं होती। ऐसे में रेलगाड़ी को ट्रेन क्लर्क के सहारे छोडऩा पूरे यात्रियों की सुरक्षा को ताक पर रखता है। पता चला है कि ये ट्रेन जोकि अगले दिन (यानी कि 24 जनवरी को) वापस अमृतसर स्टेशन पर आई तो भी उसमें किसी गार्ड की तैनाती नहीं थी। 
 
प्रश्न यहां यह है कि स्टेशन प्रशासन द्वारा ऐसी मनमानियों के कारण रेलयात्रियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ क्यों किया जा रहा है। बहरहाल यह मामला पूरे अमृतसर रेलवे स्टेशन व फिरोजपुर रेल डिवीजन में गहन चर्चा का विषय बना हुआ है। आगामी कुछ दिनों बाद इस सारे मामले के प्रति कुछ रेल अधिकारियों पर इसकी गाज गिरेगी, यह तय है। 
 

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