होटल व अहातों में शराब का सेवन बना आम बात!

Wednesday, Jan 07, 2015 - 01:49 AM (IST)

जलालाबाद(गुलशन): अपनी जी तोड़ शारीरिक मेहनत के बलबूते पंजाब को देश में अन्न उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाकर हरित क्रांति लाने वाले पंजाबी युवाओं के खून में नशा रूपी सफेद जहर किस कदर रच गया है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पंजाब में युवा पीढ़ी पूरी तरह से नशे की जद में आ चुकी है व प्रधानमंत्री राज्य में नशे के प्रसार पर ङ्क्षचता जाहिर करते हुए इसे राष्ट्रीय आपदा ऐलान चुके हैं।

खुशहाली के मामले में देश के अग्रणी प्रांतों में पंजाब के नौजवान चेहरों पर जर्द रंगत यह बताने को काफी है कि युवा अब फलों का नहीं बल्कि कृत्रिम नशे का सेवन करते हैं। दूध की नदियां बहाने वाले पंजाब के युवा दूध और जूस का नहीं सिंथैटिक नशों का इस्तेमाल कर रहे हैं। छिटकते परिवारों और जवान होते बच्चों की ओर ध्यान न देकर उनके अभिभावक उनका जीवन तबाही की तरफ धकेल रहे हैं या फिर ऐसे किशोर अपने मां-बाप के भरोसे को ठेंगा दिखाते हुए उनसे लुका-छिपी का खेल खेल रहे हैं।
 
भविष्य हो रहा है अंधकारमय कुछ अरसा पहले तक किशोर व युवाओं के लिए शराब का सेवन करना बहुत बड़ी बात होती थी, अगर कोई पीता भी था तो लुक-छुपकर शराब का सेवन करता था, लेकिन बदलते जमाने के साथ-साथ बड़ों का भय और लाज तो जैसे सुरखाब के पंख लगाकर उड़ गई है। शहर में दिन छिपते ही होटल-अहातों में टीन-एजर्स शराब का सेवन करते आम देखे जा सकते हैं। रात के अंधेरे या शाम के समय में नहीं बल्कि दिन में भी टीन-एजर्स शराब का सेवन करते हुए देखे जा सकते हैं।
 
टीन-एजर्स में शराब पीने या अन्य ड्रग्स की आदत उनका भविष्य अंधकारमय कर रही है। मां-बाप को नहीं है टाइम:समय बहुत कठिन है, अगर मां-बाप नौकरी करते हैं तो फिर घर में बच्चों के पास कोई नहीं है। अकेलापन उन्हें कचोटता है। मां-बाप बच्चों को पूरा समय नहीं दे पाते हैं और बच्चे गलत संगत में पड़ते चले जा रहे हैं। वे नशे का सहारा लेने लगते हैं और धीरे-धीरे इसके आदी हो रहे है। जब तक मां-बाप को पता चलता है काफी देर हो चुकी होती है।
 
नशे का प्रसार रोकने में पुलिस की कार्यशैली सराहनीय:फाजिल्का जिला पुलिस अधीक्षक स्वप्न शर्मा के नेतृत्व में पुलिस प्रशासन ने जिस प्रकार नशे की तस्करी पर लगाम लगाई है, वहीं राजस्थान से पंजाब में तस्करी होकर आ रहे अफीम, भुक्की व स्मैक के अलावा दूसरे कृत्रिम नशे को रोकने के चलते नशे की भारी गिरावट आई है व नशे की सप्लाई में करीब 85 फीसदी तक कमी आई है।
 
जिला पुलिस प्रशासन के सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार नशा विरोधी मुहिम के तहत पुलिस प्रशासन नशा तस्करों पर पैनी निगाह रखे हुए है। गत वर्ष में पुलिस प्रशासन द्वारा नशा तस्करों के विरुद्ध मुकद्दमे दर्ज कर भारी मात्रा में कृत्रिम नशा बरामद किया है। राजस्थान बार्डर के साथ सटे अबोहर से पंजाब में नशा तस्करी की संभावना को देखते हुए पुलिस की विशेष टीमों का गठन किया गया है जिससे फिलहाल इस सीमावर्ती जिले में नशे की स्थिति पर काफी हद तक काबू पा लिया 
गया है। 
 
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