सत्ता के लिए कुछ भी कर सकते हैं बादल : बाजवा

Saturday, Jan 03, 2015 - 06:55 AM (IST)

भाजपा के नशा विरोधी अभियान पर अकाली दल अपना स्टैंड स्पष्ट करे
जालंधर (वीरेन्द्र): पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि नशाखोरी संबंधी भाजपा के अभियान पर अकाली दल अपना स्टैंड स्पष्ट करे। बाजवा ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह नशा तस्करी को पंजाब के मंत्रियों द्वारा दी जा रही शह को लेकर पंजाब में अभियान चलाने की बात कर रहे हैं और अकाली दल इस ओर से जनता का ध्यान हटाने के लिए सीमा पर धरना देने की योजना बना रहा है। यह कार्रवाई केवल पंजाब की जनता को गुमराह करने के लिए की जा रही है।

एक बयान जारी करके बाजवा ने बादल को याद दिलाया है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पहले राष्ट्रीय नेता थे जिन्होंने इस मुद्दे को उठाया था तथा उस वक्त अकाली नेतृत्व ने इसका विरोध किया था। इस वक्त प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी इस मुद्दे पर अपनी ङ्क्षचता व्यक्त कर रहे हैं जिससे यह सिद्ध हो गया है कि राहुल गांधी का स्टैंड बिल्कुल सही था। बादल ने ई.डी. द्वारा उनके रिश्तेदार तथा उनकी कैबिनेट में मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया से पूछताछ किए जाने के बाद भी उनका इस्तीफा नहीं मांगा है जो कि सिद्ध करता है कि बादल सरकार नशाखोरी को लेकर गम्भीर नहीं है।

बाजवा ने कहा कि यह बात आश्चर्यजनक है कि 5वीं बार पंजाब के मुख्यमंत्री बनने के बाद भी बादल पंजाब के प्रति गम्भीर नहीं हैं। ताजा मामले में उनकी कैबिनेट के मंत्री मदन मोहन मित्तल द्वारा यह कहा गया है कि सिंथैटिक ड्रग का निर्माण पंजाब में ही होता है। उन्होंने कहा कि सीमा पार से भी बेशक तस्करी द्वारा नशा भारत में आता है लेकिन बादल को इस बात को स्वीकार करने की भी हिम्मत करनी चाहिए कि प्रदेश को अफीम, भुक्की तथा सिंथैटिक नशों ने नुक्सान पहुंचाया है जो कि पंजाब में ही उपलब्ध है। बादल दोहरी नीति अपनाकर एक तरफ तो राजग सरकार में हिस्सेदार बने हुए हैं तथा दूसरी तरफ ड्रग्स रैकेट की जिम्मेदारी केन्द्र की सरकार पर डाल रहे हैं। बाजवा ने कहा कि अकाली दल का बी.एस.एफ. के खिलाफ धरना-प्रदर्शन राष्ट्र विरोधी है। बी.एस.एफ. इस वक्त सीमा पर पाकिस्तान की गोलीबारी का सामना कर रही है। ऐसे में सुरक्षा एजैंसियों का मनोबल गिराना अफसोसजनक बात है। उन्होंने कहा कि बादल के अलगाववादी शक्तियों के साथ संबंधों को भी भुलाया नहीं जा सकता। पंजाब अभी तक यह भूला नहीं है कि बादल ने खालिस्तान बारे संकल्प पर भी हस्ताक्षर किए थे।

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