AG की रिपोर्ट के आधार पर 3 IAS अफसरों पर चार्जशीट फ्रेम करने के आदेश

Wednesday, Jul 26, 2017 - 01:19 AM (IST)

जालंधर(अश्विनी खुराना): पंजाब के लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने अकाली-भाजपा कार्यकाल दौरान अर्बन मिशन के तहत शहरी विकास हेतु हुए कार्यों में सिंगल टैंडर के आधार पर अरबों रुपए की गड़बड़ी के जो आरोप लगाए थे, वे आरोप अब पुख्ता साबित हो रहे हैं क्योंकि पंजाब के एडवोकेट जनरल अतुल नंदा ने भी अपनी रिपोर्ट में इस घोटाले पर मोहर लगाई है। एडवोकेट जनरल की रिपोर्ट के आधार पर मंत्री नवजोत सिद्धू ने अब 3 आई.ए.एस. अधिकारियों सोनाली गिरि, गुरप्रीत सिंह खैहरा तथा घनश्याम थोरी के विरुद्ध चार्जशीट फ्रेम करने के आदेश जारी किए हैं। 

गौरतलब है कि ये तीनों अधिकारी पिछले समय दौरान अमृतसर, जालंधर और लुधियाना नगर निगमों के कमिश्रर थे, जिनके कार्यकाल दौरान अर्बन मिशन के ज्यादातर काम सिंगल टैंडरों के आधार पर हुए। आज जारी आदेशों में लिखा गया है कि इन आई.ए.एस. अधिकारियों के विरुद्ध चार्जशीट फ्रेम करके अलग फाइल में भेजी जाए जो मुख्यमंत्री कार्यालय की अनुमति हेतु भेजी जाएगी। गौरतलब है कि नवजोत सिद्धू ने राज्य के 4 नगर निगमों में हुए 1000 के करीब विकास कार्यों की जांच चीफ विजीलैंस ऑफिसर के माध्यम से करवाई थी, जिस दौरान हैरानीजनक तथ्य सामने आया कि 50 प्रतिशत से ज्यादा टैंडर जो करीब 500 करोड़ की राशि के थे, उन्हें सिंगल टैंडर के आधार पर अलाट कर दिया गया जबकि 200 काम ऐसे थे जहां सिर्फ 2 टैंडर प्राप्त हुए थे।

सी.वी.ओ. की रिपोर्ट मिलते ही नवजोत सिद्धू ने नगर निगमों के 4 एस.ईज धर्म सिंह, पी.के. गोयल, कुलविंद्र सिंह तथा पवन शर्मा को तत्काल प्रभाव से सस्पैंड कर दिया था। अब ए.जी. की रिपोर्ट आ जाने के बाद मंत्री महोदय ने इन चारों एस.ईज को तुरंत चार्जशीट जारी करने के आदेश दिए हैं। चारों एस.ईज ने खुली सुनवाई के दौरान अपने पक्ष में कहा था कि अकाली-भाजपा सरकार ने 22 फरवरी 2011 को एक सर्कुलर जारी करके सिंगल टैंडर स्वीकार करने की अनुमति दी थी। नवजोत सिद्धू ने जब यह मामला ए.जी. को रैफर किया तो उन्होंने अपना ओपीनियन दिया कि यह सर्कुलर वैधानिक नहीं था क्योंकि टैंडरों बारे विधानसभा द्वारा एक्ट पास है और सर्कुलर उस एक्ट से ऊपर नहीं है। 

अन्य निगमों तथा सभी ट्रस्टों व नगर कौंसिलों के वर्क आर्डर भी जांचने के आदेश
लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिद्धू ने टैंडरों में घपलेबाजी संबंधी अपने आरोपों को और विस्तृत करते हुए आदेश जारी किए हैं कि राज्य के 6 नगर निगमों एस.ए.एस. नगर, पठानकोट, होशियारपुर, मोगा, फगवाड़ा तथा पटियाला, सभी इम्प्रूवमैंट ट्रस्टों अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, पटियाला, भटिंडा व पठानकोट तथा सभी नगर कौंसिलों (क्लास-1) में 1 जनवरी 2016 से अब तक हुए सिविल कामों के जारी हुए सभी वर्क आर्डरों की सूचना तुरंत भेजी जाए। गौरतलब है कि इससे पहले नवजोत सिद्धू ने सैंपल के आधार पर सिर्फ 4 नगर निगमों अमृतसर, जालंधर, लुधियाना व भटिंडा में टैंडरों की जांच करवाई थी। अब बाकी निगमों, ट्रस्टों तथा कमेटियों में जांच के बाद घोटाले का दायरा काफी बढऩे का अंदेशा जताया जा रहा है। 

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