आतंकवाद पर लगाम लगाए पाकिस्तान, नहीं चाहिए मदद: अशरफ गनी

Sunday, Dec 04, 2016 - 06:01 PM (IST)

अमृतसर: हॉट ऑफ एशिया सम्‍मेलन में  अफगानिस्‍तान के राष्‍ट्रपति अशरफ गनी और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान पर जमकर तीखा हमला बोला। राष्ट्रपति अशरफ गनी ने आज पाकिस्‍तान पर आरोप लगाया कि वह देश तालिबान समेत कई आतंकवादी नेटवर्कों को चोरी-छिपे समर्थन देकर उनके देश के खिलाफ ‘अघोषित जंग' छेड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि  पाकिस्तान आतंकवाद पर लगाम लगाए और उन्हें पाक से 50 करोड़ डॉलर मदद नहीं चाहिए। उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि संघर्ष प्रभावित अफगानिस्तान में भारत की बढ़ती सहभागिता में कोई गुप्त समझौते नहीं हैं। गनी ने पाकिस्तान की तीखी आलोचना करते कहा कि आतंकवाद, उग्रवाद और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों से कौन लाभ प्राप्त कर रहा है, यह पता लगाने के लिए एक एशियाई या अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली बनाई जानी चाहिए जिसमें कोई ‘‘खेल'' नहीं होना चाहिए।

इससे पहले विदेश मामलों पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के सलाहकार सरताज अज़ीज़ ने रविवार को अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी से मुलाकात की और अफगानिस्तान में शांति तथा स्थिरता लाने के तरीकों पर चर्चा की। शनिवार शाम को अमृतसर पहुंचे नेताओं के बीच यह मुलाकात यहां जारी 'हार्ट ऑफ एशिया' सम्मेलन से पहले हुई। युद्ध से जर्जर देश की शांति प्रक्रिया में इस्लामाबाद के कम सहयोगी रवैये पर अफगानिस्तान द्वारा नाराज़गी जताए जाने की पृष्ठभूमि में यह द्विपक्षीय वार्ता की गई।

पाकिस्तानी सरज़मीन से गतिविधियां चला रहे आतंकवादी समूहों द्वारा अफगानिस्तान में किए जाने वाले आतंकी हमले नहीं रोकने को लेकर भी अफगान सरकार इस्लामाबाद की आलोचना करती रही है। पाकिस्तानी सूत्रों ने कहा, "उन्होंने अफगानिस्तान में शांति, विकास और स्थिरता की संभावनाओं पर चर्चा की।" सम्मेलन से पहले, अफगानिस्तान ने पाकिस्तानी धरती से उत्पन्न आतंकवाद को क्षेत्रीय शांति तथा स्थिरता के लिए 'सबसे बड़ा खतरा' बताया था और प्रभावी तौर पर आतंकवाद से निपटने के लिए हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में क्षेत्रीय आतंकवाद-निरोधी रूपरेखा पारित करने पर जोर दिया था।

हार्ट ऑफ एशिया में शामिल होने वाले देश हैं पाकिस्तान, अफगानिस्तान, अज़रबैजान, चीन, भारत, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, सऊदी अरब, ताजिकिस्तान, तुर्की, तुर्कमेनिस्तान और संयुक्त अरब अमीरात। इसका गठन अफगानिस्तान और उसके पड़ोसी देशों के बीच रक्षा, राजनैतिक और आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए किया गया है।


 

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