रियल एस्टेट को 2016 में भारी फंडिंग की आस

punjabkesari.in Saturday, Jan 02, 2016 - 02:15 PM (IST)

नई दिल्लीः सरकार द्वारा रियल एस्टेट सैक्टर में एफडीआई नियमों में ढील दिए जाने के बाद से अब साल 2016 में इस क्षेत्र से जुड़ी कंपनियां प्राइवेट इक्विटी फंड्स से और अधिक फंड जुटाने की उम्मीद कर रहीं हैं।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि रियल एस्टेट में प्राइवेट इक्विटी 4.8 अरब डॉलर का आंकड़ा भी पार कर सकती है। हालांकि वे पीई निवेश में कुछ बदलाव की भी बात कर रहे हैं। उनका कहना है कि अब निवेश कुछ चुने हुए शहरों और प्रॉजैक्ट्स में ही देखने को मिल सकता है।

ऐक्विज़री कंसलटिंग में असेट मैनेजमेंट प्रमुख राजश्री दत्ता का कहना है, ''''रियल एस्टेट 3 से 4 अरब डॉलर जुटाए जाने की उम्मीद कर रहा है। पिछले 8 सालों के एवरेज़ इनवेस्टमेंट साइकल के मद्देनज़र इन फंड्स को अगले 4 सालों के भीतर लगाना होगा, यानी साल 2016 में करीब एक अरब डॉलर।''''

एक्सपर्ट यह भी कहते हैं कि इस साल इस सैक्टर में निवेश पिछले सालों के मुकाबले कुछ अलग तरह का हो सकता है।

ट्रांजैक्शन ऐंड प्राइवेट इक्विटी PwC के प्रमुख संजीव कृष्ण कहते हैं, ''''साल 2015 में रियल एस्टेट में निवेश का बड़ा हिस्सा ऋण या ढांचागत ट्रांजैक्शंस के रूप में था। यह 2016 में भी जारी रह सकता है लेकिन कंसट्रक्शन ऐंड डिवेलपमेंट सैक्टर में एफडीआई नियमों में ढील दिए जाने के बाद साल की दूसरी छमाही में यह इक्विटी डील्स के पूरक के तौर पर रह सकता है।''''

वहीं वेंचर इंटेलिजेंस से जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक करीब 2.94 अरब डॉलर (करीब 19, 420 करोड़ रुपए) पहले ही जुटाए जा चुके हैं। इंडस्ट्री पर नज़र रखने वालों का कहना है कि इस साल की पहली तिमाही में ही कम से कम 1 अरब डॉलर की रकम जुटा ली जाएगी।

जेन-रियल प्रॉपर्टी अडवाइज़र्स के चेयरमैन अंकुर श्रीवास्तव बताते हैं कि प्राइवेट इक्विटी फंड्स के कुछ निवेशक शुरुआती 12 से 24 महीनों के भीतर ही फंड्स का इस्तेमाल कर लेना चाहते हैं, जो कि सामान्य तौर पर यह अवधि 5 से 7 साल होती है। इसका यह मतलब है कि इस साल करीब 35 से 40 फीसदी यानी करीब 3 अरब डॉलर तक की रकम इस्तेमाल कर ली जाएगी।

ऐक्विज़री के राजश्री दत्ता कहते हैं, ''''अगर आप अच्छी रीयल एस्टेट प्रॉपर्टीज़ दचाहते हैं जहां निवेशक को बेहतर रिटर्न हासिल हो सके, तो ऐसी प्रॉपर्टीज़ मुंबई, NCR, और बेंगलुरु तक ही सीमित है। लिहाजा इस सैक्टर में इनवेस्टमेंट कीमतों को प्रभावित नहीं करेगा।''''


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