मात्र 32 पर्सैंट लोगों के पास है अपना आशियाना

punjabkesari.in Friday, Mar 31, 2017 - 10:14 AM (IST)

नई दिल्ली: बचत की कमी, कर्ज लेने में कोताही, ऊंची ब्याज दर और ऋण की कम उपलब्धता के कारण देश के मात्र 32 पर्सैंट लोग ही खुद के खरीदे अपने आशियाने में रह पा रहे हैं। इन बाधाओं के कारण 56 पर्सैंट लोग निकट भविष्य में भी मकान खरीदने की कोई योजना नहीं बना रहे। इंडिया मॉर्गेज गारंटी कार्पोरेशन (आई.एम.जी.सी.) ने अपने पहले वार्षिक सर्वेक्षण होम हंट 1/1 (मकान की खोज) के परिणाम जारी किए। यह सर्वेक्षण कैनटर आई.एम.आर.बी. के साथ मिलकर देश के मैट्रो शहरों दिल्ली, मुम्बई, बेगलूर, चेन्नई और कोलकाता, मिनी मैट्रो शहरों जयपुर, अहमदाबाद, पुणे, हैदराबाद और छोटे शहरों इंदौर, रायपुर, नागपुर, भुवनेश्वर और विशाखापट्टनम में 2 चरणों में किया गया।

घर न खरीद पाने का मुख्य कारण है यह
सर्वेक्षण में शामिल 38 पर्सैंट लोगों ने मकान न खरीद पाने के पीछे मुख्य कारण ब्याज दर अधिक होना बताया। इसी तरह 38 पर्सैंट लोगों के मुताबिक उन्हें कर्ज लेने की इच्छा नहीं हुई जिस कारण वे मकान नहीं खरीद पाए। करीब 32 पर्सैंट  के लिए बचत न होना और अन्य 32 पर्सैंट के लिए ऋण की पर्याप्त उपलब्धता न होना भी समस्या रही। कर्ज लेकर मकान खरीदने की चाह रखने वालों में 43 पर्सैंट ब्याज की ऊंची दर, 40 पर्सैंट कर्ज लेने का कोई इतिहास न होने और 38 पर्सैंट कर्ज की आवश्यक राशि प्राप्त न करने की समस्या से ग्रस्त होते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 46 पर्सैंट युवा अपने अभिभावकों के साथ रहते हैं।

छोटे शहरों में 37 पर्सैंट रहते हैं लोग किराए पर
किराए के और अपने मकानों में रहने वाले लोग 31 पर्सैंट हैं। छोटे शहरों में 37 पर्सैंट लोग किराए पर रहते हैं जबकि मैट्रो शहरों में 29 पर्सैंट लोग किराए पर रहते हैं। मिनी मैट्रो शहरों में 23 पर्सैंट लोग किराए के मकान में रहते हैं। किराए पर रहने वाले सर्वाधिक 63 पर्सैंट लोग 25 से 44 वर्ष की आयु वर्ग के हैं। इस आयु वर्ग में किफायती आवास की मांग काफी है। इस सर्वेक्षण से यह बात भी सामने आई है कि 62 से 65 पर्सैंट मकान के लिए शुरूआती भुगतान अपनी बचत से करना चाहते हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News