सुपरटेक टाऊनशिप के कंप्लीशन सर्टिफिकेट का मैप कैंसल

Friday, May 27, 2016 - 03:05 PM (IST)

नई दिल्लीः यमुना एक्सप्रेसवे पर बिल्डर सुपरटेक की 100 एकड़ की टाउनशिप पर एक और मुसीबत आ खड़ी हुई है। पहले फेज का आंशिक कंप्लीशन सर्टिफिकेट हासिल करने के लिए कम्पनी की ओर से जमा कराया गया मैप यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डिवेलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) ने अक्तूबर, 2015 में कैंसल कर दिया था।

 

YEIDA के सीईओ अरुण वीर सिंह ने बताया कि अथॉरिटी ने कम्पनी से जून 2010 में आवंटित किए गए 100 एकड़ के प्लॉट के लिए लागू 2009 के बिल्डिंग बायलॉज के आधार पर रिवाइज्ड प्लान जमा करने को कहा था। हालांकि, सुपरटेक के चेयरमैन आर के अरोड़ा का कहना है कि उनकी कम्पनी ने अथॉरिटी की ओर से अक्तूबर 2015 में जारी किए गए ऑर्डर का विरोध किया था और अब इस मामले पर राज्य सरकार विचार कर रही है।

 

सुपरटेक को 100 एकड़ जमीन YEIDA ने जून 2010 में अलॉट की थी और उस समय 2009 के बिल्डिंग बायलॉज लागू थे। 2010 के नए बायलॉज को नोटिफिकेशन 11 जनवरी, 2015 को जारी किया गया था। नए बायलॉज में 40 फीसदी ग्राउंड कवरेज की अनुमति है, जो पुराने बायलॉज में 25 फीसदी की थी।। हालांकि, नए बायलॉज में फ्लोर एरिया अनुपात में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जिसका मतलब है कि प्लॉट पर कंस्ट्रक्शन के लिए कुल एरिया समान रहेगा।

 

इस प्रॉजैक्ट में सुपरटेक ने अभी तक लगभग 1,000 विला और अपार्टमेंट बेचे हैं। YEIDA के सीईओ ने कहा कि बिल्डर ने अभी तक रिवाइज्ड मैप जमा नहीं किया है और बिल्डर की ओर से ऑर्डर के खिलाफ राज्य सरकार से गुहार लगाई गई है। उन्होंने बताया, ''कंप्लीशन सर्टिफिकेट के लिए केवल मैप रद्द किया गया है और इससे इनवेस्टर्स के लिए कोई रिस्क नहीं है।''

 

अरोड़ा ने कहा कि 2015 में 2010 के बायलॉज के आधार पर कंप्लीशन सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करने पर उन्हें आपत्तियों के बारे में बताया गया था, जिसका उन्होंने विरोध किया है। उन्होंने बताया, ''हमारी लीज डीड में यह स्पष्ट है कि 100 एकड़ के प्लॉट के लिए अलॉटमेंट की तिथि वह तिथि होगी जिस पर राज्य सरकार प्लॉट के लिए लैंड-यूज में बदलाव की पुष्टि करेगी। राज्य सरकार ने प्लॉट के लिए रेजिडेंशियल लैंड-यूज की पुष्टि 14 अक्तूबर, 2011 को थी, जो जनवरी 2011 में 2010 के बायलॉज का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद थी। इसका मतलब है कि 2010 के बायलॉज हमारी जमीन के लिए लागू होंगे।''

 

सुपरटेक को हाल के समय में इस एरिया में डिवेलपमेंट अथॉरिटीज के साथ कुछ विवादों का सामना करना पड़ा है। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने कुछ समय पहले ग्रेटर नोएडा में एक हाऊसिंग प्रोजैक्ट के सैंक्शन प्लान के उल्लंघन पर सुपरटेक को नोटिस भेजा था। इसमें कहा गया था कि प्रोजेक्ट में 1,009 फ्लैट्स को सील किया जाना चाहिए क्योंकि यह वास्तविक सैंक्शन वाली 844 यूनिट्स से अधिक हैं।

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