रीयल एस्टेट में नरमी से महाराष्ट्र का खजाना प्रभावित

punjabkesari.in Thursday, Oct 08, 2015 - 02:24 PM (IST)

मुंबई: रीयल एस्टेट उद्योग में नरमी से महाराष्ट्र का खजाना प्रभावित हुआ है जो पहले ही वित्तीय तंगहाली से जूझ रहा है। शहरी विकास और आवास विभागों को सरकार के लिए राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत माना जाता है लेकिन चालू वित्त वर्ष की पहली 2 तिमाहियों में इन क्षेत्र से संग्रह सिर्फ तीन प्रतिशत हुआ है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सभी विभागों को सुधार की प्रक्रिया तेज करने के अलावा सरकारी समाधान के लिए लंबित मुद्दों और पुनर्विकास योजनाओं को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया है।  राज्यों के लिए बिक्री कर, उत्पाद शुल्क और स्टांप शुल्क आय के अन्य प्रमुख स्रोत हैं।  महाराष्ट्र के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंतीवार ने 2015-16 के लिए बिक्री कर विभाग के लिए 28,200 करोड़ रूपए के राजस्व संग्रह का लक्ष्य रखा है।  
 
मुनगंतीवार ने कहा कि पिछले छह6 महीने (अप्रैल से सितंबर) के कर संग्रह के आंकड़े से हमें निराशा हुई है। बिक्री कर या मूल्यवद्र्धित कर से अर्जित राजस्व भी प्रमुख स्रोतों में शामिल है। लेकिन निर्माण उद्योग में नरमी का हमारे राजस्व संग्रह पर सीधा असर हुआ है। हमें 2,500 करोड़ रपए के राजस्व की उम्मीद थी लेकिन हम यह लक्ष्य प्राप्त नहीं कर सके।

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