Movie Review 'सोनचिड़िया' :कमजोर कहानी पर दमदार एक्टिंग

3/1/2019 10:47:32 AM

मुंबई: बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत और भूमि पेडनेकर की फिल्म 'सोनचिड़िया'  21 मार्च को रिलीज हो रही है। अभिषेक चौबे के निर्देशन में बनी फिल्म जबरदस्त एक्शन से भरपूर है। ये फिल्म चंबल के डैकतों पर बेस्ड है। इसे पहले भी बैंडिट क्वीन, चाइना गेट, शोले और लज्जा जैसी फिल्में चंबल के डैकतों पर बन चुकी है। वहीं इस फिल्म की टैगलाइन है- बैरी बेईमान, बागी सावधान।

 

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कहानी


अगर फिल्म की कहानी की बात करें तो वह चंबल के डैकतों और पुलिस के बीच होने वाली मुठभेड़ को दिखाया गया है। 'सोनचिड़िया' की कहानी चंबल के डैकतों के एक ग्रुप की है। कहानी की शुरूआत 1975 के दौर से शुरू होती है। जब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी की घोषणा की थी। इस सूचना के बाद पुलिस चंबल के डकैतों को सरेंडर करने के लिए कहती है। इसके बाद पुलिस की घेरा-बंदी से परेशान होकर चंबल के सभी डकैत एक साथ पुलिस पर आक्रमण कर देते हैं। चंबल के डैकतों के ग्रुप में वकील सिंह (रणवीर शौरी) और लखना (सुशांत सिंह राजपूत) अहम मेंबर है। वहीं मान सिंह (मनोज बाजपेयी) इस ग्रुप के लीडर है। मान सिंह ने ये ग्रुप तो बना लिया मगर उसे हथियारों के लिए पैसों की भी जरूरत पड़ती है, जिसके कारण वह ब्रह्मपुरी गांव में आते है। यहां मान सिंह को पता चलता है कि शादी में दुल्हे को भारी रकम और सोना मिलेगा, जिसकी मान सिंह और उसके लोग शादी पर धात लगा के बैठ जाते है। 

 

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जब ये गिरोह वहां पहुंचता है वैसे ही पुलिस अॉफिसर वीरेंद्र गुर्जर (आशुतोष राणा) वहां पहुंच इस गिरोह पर हमला कर देते है। मान सिंह के गिरोह के कई आदमी मर जाते है। जैसे-तैसे ये शादी से भागते है मगर मान सिंह को पता चलता है कि उसी के गिरोह का आदमी वकील सिंह ने ही पुलिस को इसकी जानकारी दी थी। वहीं लखना इन सब चीजों से तंग आ जाता है और आत्मसमर्पण करना चाहता है। जैसा कि वे पुलिस से भाग रहे होते हैं, इसी बीच वह इंदुमती तोमर (भूमि पेडनेकर) से टकराते हैं। उसके साथ उसकी बहन 'सोनचिड़िया' भी होती है, जिसके साथ बलात्कार किया होता है। इस दौरान इंदुमती वकील से मदद मांगती है 'सोनचिड़िया' को अस्पताल लेकर जाने के लिए। वकील सिंह मान जाता है। वे एक मंदिर में अपनी देवी का आशीर्वाद लेने के लिए रुकते हैं, जहां इंदु के पति और परिवार के अन्य सदस्य आते हैं। दरअसल, उस पर अपने ससुर की हत्या करने का आरोप है और वे गिरोह को इंदु और सोनचिड़िया' को सौंपने के लिए कहते हैं। वकील उनकी ये बात मान लेता है मगर लखना इस बात के लिए बिल्कुल तैयार नहीं होता। अब क्या लखना इंदु और सोनचिड़िया' को उनके सौंपेगा या नहीं। ये जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी। 

 

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डायरेक्शन

अभिषेक चौबे और सुदीप शर्मा की कहानी काफी दिलचस्प है। फिल्म में करेक्टर को काफी अच्छी तरह से बुना गया है। हालांकि, कुछ घटनाओं को बेहतर ढंग से दिखाया जा सकता था।  

 

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म्यूजिक

फिल्म में गाने बागी रे और डाकू एंथम जैसे गाने भी हैं। सोनचिड़िया के गानों को यू-ट्यूब पर अच्छा रिस्पॉन्स मिला था।


 


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Konika


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