वाराणसी में शंकराचार्य ने किया राम मंदिर का प्रतिकात्मक शिलान्यास

punjabkesari.in Friday, Feb 22, 2019 - 02:24 PM (IST)

वाराणसीः उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भगवान राम के जन्म भूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए प्राचीन धार्मिक वाराणसी में ज्योतिष एवं द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य और स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती ने गुरुवार को एक समारोह में प्रतिकात्मक शिलान्यास किया।  सरस्वती ने वाराणसी के गंगा तट पर स्थित केदार घाट के श्रीमठ में बड़ी संख्या मौजूद साधू-संतों की मौजूदगी में विधिवधान के साथ चार रजत शिलाओं का पूजन कर राम मंदिर का प्रतिकात्मक शिलान्यास करने के साथ ही निर्माण प्रक्रिया शुरु किए जाने की घोषणा की।
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स्वामी ने अयोध्या के 67 एकड़ जमीन के एक मानचित्र पर चार रजत शिलाएं रखकर पूजन कर शिलान्यास किया। शिलान्यास समारोह के दौरान ‘जय श्री राम, जय-जय श्री राम’ के नारे गूंजते रहे। इस अवसर पर शंकराचार्य ने संवाददाताओं से कहा कि केंद्र की नरसिम्हा राव सरकार के कार्यकाल में अधिगृहत की गई जमीन के मानचित्र का आज उद्घाटन हो गया और इसके साथ ही मंदिर निर्माण की विधिवत शुरुआत हो गई है।  उन्होंने कहा कि कंबोडिया स्थित भगवान राम के भव्य राम मंदिर की तर्ज पर अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बनाया जाएगा। जन्म स्थल पर निर्माण शुरु करने से पहले समुचित मंदिर का डिजाइन बनाया जाएगा तथा उसके अनुसार सर्वप्रथम लकड़ी का एक प्रतिकात्मक भव्य राम मंदिर तैयार किया जाएगा और उसके बाद जन्म भूमि स्थल पर मंदिर बनाया जाएगा। 
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शंकराचार्य ने आरोप लगाया कि सरकार अयोध्या में राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवादित भूमि के बाहर भव्य राम मंदिर बनाने की कोशिश कर लोगों को गुमराह कर रही है जबकि करोड़ों लोगों की भावना है कि मंदिर का निर्माण हर हाल में राम जन्म भूमि स्थल पर ही होना चाहिए। सरकार उनकी भावना के साथ खिलवाड़ नहीं कर सके, इसके लिए उन्होंने शिलान्यास कर अपना फर्ज निभाते हुए निर्माण कार्य की प्रक्रिया विधिवत रुप से शुरु कर दी। शंकराचार्य के शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद ने बताया कि स्वामी जी के नेतृत्व में 17 फरवरी से प्रयागराज से ‘‘रामाग्रह यात्रा’’ शुरु कर गुरुवार 21 फरवरी को अयोध्या में शिलान्यास करने वाले थे, लेकिन पुलवामा में आतंकी हमले के मद्देनजर उन्होंने यात्रा स्थगित कर शिलान्यास का स्वरुप बदल दिया था। पुलवामा के बाद उत्पन्न स्थिति को देखते हुए अयोध्या में शिलान्यास के लिए तय तिथि के अनुसार यहां प्रतिकात्मक शिलान्यास किया गया है।

 


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