पंजाब के किसानों को रास नहीं आया कैप्टन सरकार का बजट

punjabkesari.in Tuesday, Feb 19, 2019 - 08:02 AM (IST)

गुरदासपुर(हरमनप्रीत) : पंजाब के खजाना मंत्री ने प्रस्तुत किए वार्षिक बजट में भले ही किसानों को प्रसन्न करने के लिए सरकार ने कई घोषणाएं की हैं, मगर इसके बावजूद किसान संगठनों ने इस बजट की सभी योजनाओं को रद्द करते हुए सरकार को फिर से चुनाव वायदे याद करवाए हैं। किसान इस बात को लेकर रोष प्रकट कर रहे हैं कि सरकार ने राज्य में आवारा पशुओं की दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही संख्या के समाधान के लिए भी कोई प्रयास नहीं किया और न ही अपने वायदे अनुसार राज्य के समस्त किसानों का समूचा ऋण माफ करने का कोई ऐलान किया है। इसी तरह अन्य अनेक मांगों की पूर्ति न होने से किसान यह दावे कर रहे हैं कि सरकार ने बजट प्रस्तुत करने की कार्रवाई को सिर्फ खानापूर्ति तक सीमित कर दिया है, जबकि पूरा साल ही सरकार कई नए नोटीफिकेशन जारी कर किसानों समेत अन्य वर्गों पर बोझ डालने वाले फैसले सुनाती आ रही है।
PunjabKesari
फसलों के अवशेष के लिए नाममात्र बजट 
भारतीय किसान यूनियन के प्रधान बलबीर सिंह राजोवाल ने कहा कि सरकार ने फसलों के अवशेष खेतों में जलाने से रोकने के लिए 375 करोड़ रुपए आरक्षित रखने का ऐलान किया है, मगर इसका लाभ किसानों को मिलने की बजाए सरकारी प्रतिनिधियों को ही होगा है, क्योंकि सरकार एन.जी.टी के निर्देशानुसार किसानों को उनके रकबे अनुसार 2500 से 5000 रुपए में पूरी मशीनरी तो दे नहीं सकी, मगर सबसिडी के नाम पर खानापूॢत की जा रही है। सबसिडी ने किसानों को राहत देने की बजाए बोझ ही डाला है, क्योंकि जो मशीन बाजार में से सबसिडी के बिना सस्ती मिलती थी, वह अब सबसिडी की आड़ में महंगी कर दी गई है, जिससे किसानों को तो अभी भी महंगे मूल्य की मशीनरी खरीदनी पड़ रही है। अगर सरकार इस मामले में गंभीर है तो एन.जी.टी. के आदेश सही रूप में लागू करे।
PunjabKesari
किसानों ने खानापूर्ति बताया बजट की योजनाओं को
सरकार ने वार्षिक बजट में गन्ना काश्तकारों के लिए रखे 355 करोड़ रुपए को किसानों के आंखों में धूल डालने की कोशिश करार देते हुए भारतीय किसान यूनियन के प्रधान बलबीर सिंह राजोवाल ने कहा कि यह राशि तो सिर्फ गन्ना मिल मालिकों को ही चली जाएगी, क्योंकि सरकार ने प्रत्येक मिल को प्रति क्विंटल गन्ने की खरीद के बदले 25-25 रुपए देने है। इसी तरह किसान इस बात को लेकर भी निराश हैं कि सरकार एक तरफ सहायक धंधों को प्रोत्साहित करने के दावे कर रही है, दूसरी तरफ डेयरी सैक्टर के लिए सिर्फ 20 करोड़ रुपए रखे गए हैं।
PunjabKesari


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Anjna

Recommended News

Related News