18 करोड़ की ग्रांट के बावजूद शहर के विकास ने नहीं पकड़ी ‘रफ्तार’

punjabkesari.in Thursday, Jan 17, 2019 - 04:18 PM (IST)

बाघापुराना (चुटानी): डेढ़ वर्ष पहले बाघापुराना के लिए आई 18 करोड़ की ग्रांट से नुहार बदल देने की सभी बातें अब शहरवासियों को सपना जैसा दिखाई देने लगा है। शहरवासियों का कहना है कि सहूलियतों के लिए बड़े प्रोजैक्टों की बात तो एक तरफ छोटे-छोटे काम भी काफी समय से लटके पड़े हैं। विधायक द्वारा अपने बयानों पर जरा भी अमल न किए जाने कारण शहरवासियों का गुस्सा अब फूट गया है। शहर के गोङ्क्षबद सिंह ङ्क्षभदी, सुखपाल सिंह, पवन कुमार, हरीश कुमार, सुभाष चन्द्र व विभिन्न क्लबों के नुमाइंदों ने संयुक्त रूप से बताया कि मंडीरा रोड सड़क की चौड़ाई बढ़ाने के लिए तारे वाला छप्पड़ में मिट्टी डाली गई थी, लेकिन अभी तक सड़क का चौड़ीकरण नहीं किया जा सका है।

मुगलू पत्ती वाले पक्के रास्ते के निर्माण की उम्मीद भी अब लोगों ने छोड़ दी है। शहरवासियों ने बताया कि ट्रैफिक समस्या के हल के लिए आधुनिक पार्किंग का निर्माण, शहर के केन्द्र में रेहड़ी मार्कीट की स्थापना, महिला-पुरुषों के लिए अलग-अलग सैरगाहों, सार्वजनिक शौचालयों, स्टेडियम, बाईपास का निर्माण आदि ऐसे प्रोजैक्ट हैं, जो सिर्फ अब सपने बनकर ही रह गए हैं। शिरोमणि अकाली दल के जिलाध्यक्ष तीर्थ सिंह माहला व बाघापुराना शहरी क्षेत्र के अध्यक्ष पवन ढंड ने संयुक्त रूप से कहा कि कौंसिल के रह चुके अध्यक्ष बाल कृष्ण बाली तथा उनकी टीम ने पूर्ण रूप में स्वतंत्र रहकर लगातार 5 वर्ष शहर का विकास करवाया, जबकि अब कौंसिल के कार्यों में विधायक की दखलअंदाजी सारे कार्यों में अड़चन पैदा कर रही है। कोई भी नुमाइंदा स्वतंत्र होकर काम करने की स्थिति में नहीं है। 

विधायक द्वारा सैंकड़ों बार 18 करोड़ की ग्रांट के दिए गए बयान का अकाली दल व शहर के विकास के लिए चिंतित अन्य लोगों ने नोटिस लेते विधायक से पूछा कि वह अपने बयानों का लेखा-जोखा सार्वजनिक करें या फिर बिना देरी सारे प्रोजैक्ट आरंभ करवाएं।


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Anjna

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