35 करोड़ की ग्रांट नाकाफी, MC सरकार से मांगेगा अतिरिक्त अनुदान राशि

punjabkesari.in Thursday, Jan 17, 2019 - 11:34 AM (IST)

शिमला (वंदना): प्रदेश सरकार की ओर से नगर निगम शिमला को विभिन्न कार्यों के लिए 35 करोड़ रुपए की स्पैशल ग्रांट हर साल दी जाती है, लेकिन सरकार से मिलने वाली यह ग्रांट नगर निगम के लिए नाकाफी होती जा रही है। ऐसे में नगर निगम प्रशासन प्रदेश सरकार से स्पैशल ग्रांट राशि में बढ़ौतरी करने की मांग कर रहा है। इसके लिए बाकायदा मेयर कुसुम सदरेट सरकार को पत्र लिखने जा रही हैं, ताकि सरकार की ओर से मिलने वाली विभिन्न अनुदान राशियों में बढ़ौतरी हो सके, जिससे शहर का विकास हो सके। 

एम.सी. को वित्तीय वर्ष में सरकार से विभिन्न अनुदानों के तहत कुल 35 करोड़ रुपए का अनुदान मिलता है, जिसे विभिन्न कार्यों पर खर्च किया जाता है। मेयर कुसुम सदरेट का कहना है कि सरकार से मिलने वाली ग्रांट बेहद ही कम है। नगर निगम के वार्डों का भी विस्तार हुआ है, ऐसे में सरकार से मांग की जाएगी कि नगर निगम को मिलने वाली ग्रांट को बढ़ाया जाए। इसके लिए जल्द ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पत्र लिखा जाएगा, ताकि बजट में इसे शामिल किया जा सके। मेयर का कहना है कि राशि को बढ़ाकर कम से कम 50 करोड़ किया जाना चाहिए।

मौजूदा वित्तीय स्थिति नाजुक

नगर निगम शिमला की वित्तीय स्थिति पहले से ही बेहद नाजुक है। एम.सी. के पास अपने कर्मचारियों को वेतन देने तक के लिए पैसे नहीं हैं। निगम के सेवानिवृत्त कर्मचारियों के कई देय राशियां लंबित पड़ी हुई हैं, जबकि कर्मचारियों के मैडीकल बिलों का भुगतान नहीं हो पा रहा है। सीमित आय के संसाधनों के चलते नगर निगम को प्रदेश सरकार पर निर्भर रहना पड़ रहा है। ऐसे में यदि सरकार एम.सी. को अतिरिक्त ग्रांट प्रदान करती है तो निगम की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है।

मर्ज एरिया के लिए मिलता है 3 करोड़

नगर निगम परिधि में मर्ज किए गए वार्डों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। आम जनता को पानी, सीवरेज, पार्किंग व पार्क इत्यादि की सुविधा तक नहीं मिल रही है। मर्ज वार्डों में एम्बुलैंस रोड नहीं है, जिससे लोगों को परेशानी आ रही है। सरकार की ओर से निगम में मर्ज किए गए वार्डों के लिए हर साल 3 करोड़ रुपए की राशि जारी की जाती है, जिसे मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने पर खर्च किया जाता है।
 


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Ekta

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