जींद में दर्जन भर चुनावों में महज आधा दर्जन महिलाएं ही उतरी मैदान में
punjabkesari.in Thursday, Jan 17, 2019 - 11:30 AM (IST)
जींद (संजय अरोड़ा): हॉट सीट जींद पर उप-चुनाव को लेकर सजी सियासी पिच पर राजनीतिक दाव-पेंच का खेल दिनोंदिन जोर पकड़ रहा है। जींद विधानसभा सीट का इतिहास कई मामलों में बेहद रोचक रहा है। खास बात यह है कि यहां पर आधी आबादी यानी महिलाएं जहां सियासी दलों के लिहाज से टिकट को मोहताज रहीं।
वहीं 1967 से 2014 तक हुए 12 चुनावों में महज 6 महिलाओं ने ही सियासी समर में अपना भाग्य आजमाया। खास बात यह है कि साल 1967, 1968, 1972, 1977, 2000, 2009 और 2014 यानी 7 चुनावों में एक भी महिला उम्मीदवार मैदान में नहीं थी। सियासी समर से जहां महिलाओं ने किनारा किया, वहीं जानकी देवी नाम की एक ऐसी महिला थी जो लगातार चुनावी ताल ठोंकती रही। जानकी देवी ने साल 1982, 1987 और 1991 में लगातार 3 चुनाव आजाद उम्मीदवार के रूप में जींद से लड़े।
गौरतलब है कि जींद विधानसभा सीट पर कई रोचक पहलू हैं। जींद विधानसभा क्षेत्र में करीब 45 फीसदी महिला मतदाता हैं। इसके बावजूद न तो जींद की धरती पर कभी किसी बड़े दल ने किसी महिला उम्मीदवार पर भरोसा जताया और न ही यहां पर महिलाएं अपने बलबूते पर आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव लडऩे का साहस जुटा पाईं। 7 चुनावों में तो एक भी महिला उम्मीदवार मैदान में नहीं थीं।
कुल मिलाकर देखें तो अब तक हुए 12 चुनावों में कुल 198 उम्मीदवारों में से 6 ही महिला उम्मीदवार मैदान में उतरी हैं। 1982, 1987 और 1991 के चुनाव में एकमात्र महिला उम्मीदवार जानकी देवी थी। लगातार 3 चुनाव लडऩे वाली जानकी देवी को प्रत्येक चुनाव में 0.50 फीसदी से भी कम वोट मिल। मगर वह लगातार चुनावी मैदान में डटी रहीं। 1982 के चुनाव में 375, 1987 में 25 जबकि 1991 में उन्हें 22 मत मिले।
इसी तरह से साल 1996 के चुनाव में 2 महिला उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा। आजाद उम्मीदवार रानी को उस चुनाव में 109 जबकि छोटी देवी को 20 वोट मिले। 2005 के चुनाव में एक सियासी दल ने महिला को उम्मीदवार जरूर बनाया, पर यह हरियाणा में अधिक असरकारक नहीं माना जाता। साल 2005 के चुनाव में लोक जनशक्ति पार्टी ने इंद्रजीत कौर को अपना उम्मीदवार बनाया जिन्होंने 3,171 वोट हासिल किए।