देश को मनमौजी नेतृत्व नहीं, निर्णय लेने में समर्थ प्रधानमंत्री की जरूरत: जेटली

punjabkesari.in Wednesday, Jan 16, 2019 - 11:00 AM (IST)

नई दिल्लीः वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि भारत को उच्च आर्थिक वृद्धि की राह पर आगे ले जाने और जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए एक ऐसे प्रधानमंत्री की जरूरत है जो निर्णय लेने में समर्थ हो और उसके पास स्पष्ट जनादेश हो। उन्होंने कहा कि बेमेल गठबंधन और मनमौजी नेतृत्व से देश का भला नहीं होने वाला है। 

जेटली ने अपने एक ब्लॉग में मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया में तेजी से वृद्धि कर रही अर्थव्यवस्था बन गया है। भारतीय अर्थव्यवस्था 7 से 7.5 प्रतिशत की वृद्धि दर से बढ़ रही है, हालांकि, इस वृद्धि दर पर ही देश संतुष्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत आर्थिक वृद्धि को आठ प्रतिशत से भी से ऊपर ले जाना चाहता है। जेटली ने सवाल उठाया है कि ‘‘यदि भारत को इस लक्ष्य को हासिल करना है तो भारत का प्रधानमंत्री कौन होना चाहिए? क्या उस पर प्रधानमंत्री पद की आकांक्षा रखने वाले अपने उन विरोधियों का अंकुश होना चाहिए जो एक साझा प्रतिद्वंद्वी के प्रति अपनी नापसंद के कारण उसका समर्थन करते हों या भारत को 2014 की तरह के स्पष्ट जनादेश के साथ आए एक प्रधानमंत्री की जरूरत है।’’

जेटली ने एक तरह से ‘महागंठबंधन’ को लेकर यह कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा कि ‘‘केवल स्पष्ट बहुमत के साथ चुना गया प्रधानमंत्री ही आर्थिक वृद्धि हासिल कर सकता है और देश की आकांक्षाओं को पूरा कर सकता है।’’ आगामी लोकसभा चुनावों में सभी दल एक साथ जुड़ रहे हैं। उनका एकमात्र लक्ष्य भारतीय जनता पार्टी को हराना है। जेटली ने ‘राजनीतिक स्थायित्व, निर्णायक नेतृत्व और स्पष्ट बहुमत का वृद्धि से संबंध’ नामक ब्लॉग में कहा है कि देश को आर्थिक वृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ाने के लिए निर्णायक नेतृत्व, नीतियों दिशा में निरंतरता, मजबूत और स्थिर सरकार जरूरी है। इसके लिए ऐसा बेमेल गठबंधन नहीं चलेगा जिसका नेतृत्व मनमौजी हो और जिस गठबंधन के भविष्य का भरोसा न हो , ऐसा नेतृत्व उच्च आॢथक वृद्धि को हासिल नहीं कर सकता है।’’

सूत्रों ने बताया कि जेटली इस समय अमेरिका में हैं। वह नियमित चिकित्सा जांच के सिलसिले में वहां गए हैं। पिछले साल जेटली का गुर्दा प्रतिरोपण किया गया था। जेटली ने कहा कि मोदी सरकार के तहत 2014-15 से 2018-19 के तहत भारत की आर्थिक वृद्धि 7.3 प्रतिशत रही है जबकि संप्रग- एक सरकार में यह 6.9 प्रतिशत और संप्रग- दो में 6.7 प्रतिशत रही थी। इसी प्रकार महंगाई की यदि बात की जाए तो मोदी सरकार के पांच साल के कार्यकाल में मुद्रास्फीति 4.6 प्रतिशत के निम्न स्तर पर रही है जबकि संप्रग- एक में यह 5.7 प्रतिशत और संप्रग- दो में 10.1 प्रतिशत की ऊंचाई पर रही थी। 


 


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jyoti choudhary

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