कृषि-निर्यात नीति लागू करने के लिए राज्य शीर्ष एजेंसी स्थापित करें: प्रभु

punjabkesari.in Wednesday, Jan 09, 2019 - 11:04 AM (IST)

नई दिल्लीः वाणिज्य और उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने मंगलवार को राज्यों से कृषि निर्यात नीति के क्रियान्वयन के लिए सर्मिपत एक शीर्ष एजेंसी स्थापित करने को कहा। पिछले महीने, मंत्रिमंडल ने कृषि निर्यात नीति को मंजूरी दी थी। इसका उद्देश्य वर्ष 2022 तक इस कृषि जिंस के निर्यात खेप को दोगुना कर 60 अरब अमरीकी डॉलर करना है। प्रभु इस नीति पर पहली राष्ट्रीय कार्यशाला के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे। 

वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'मंत्री ने सभी राज्य सरकारों को नीति के क्रियान्वयन के लिए समर्पित एक शीर्ष एजेंसी स्थापित करने का आह्वान किया।' नीति में शोध एवं विकास, संकुल, उपस्कर (लॉजिस्टिक्स) और परिवहन सहित सभी क्षेत्रों को शामिल किया गया है। बयान में प्रभु का हवाला देते हुए कहा गया है कि इस तरह की कार्यशाला नीति के क्रियान्वयन में कठिनाइयों की शिनाख्त करने, प्रतिक्रिया और सुझाव प्राप्त करने और उन्हें दूर करने में मदद करेगा। इस नीति का उद्देश्य कृषि निर्यात को मौजूदा 30 अरब डॉलर से दोगुना कर वर्ष 2022 तक 60 अरब अमरीकी डॉलर करना है और अगले कुछ वर्षों में इसे 100 अरब अमरीकी डॉलर तक पहुंचना है। इसका उद्देश्य निर्यात होने वाली सामग्रियों में विविधता लाना है और उच्च मूल्य और मूल्य वर्धित कृषि निर्यात को बढ़ावा देना है।

नीति में कहा गया है कि कृषि, भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रमुख स्तंभ है और इस क्षेत्र में सुधार करने की तत्काल आवश्यकता है, जिस पर 60 प्रतिशत आबादी निर्भर है। इसमें कहा गया है, 'कृषि निर्यात सामग्रियों का विविधीकरण और निर्यात की संभावना वाले बाजारों का विविधीकरण करना समय की मांग है। उत्पादन की औसत लागत को कम करना होगा ताकि भारत की कृषि उपज अंतर्राष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा कर सके।' कार्यशाला के दौरान नीति के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपिडा) और राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

 


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jyoti choudhary

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