दुनिया की पहली दिव्यांग पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा अमेरिका के लिए रवाना, पीएम ने दी बधाई

punjabkesari.in Thursday, Dec 13, 2018 - 12:22 PM (IST)

फरीदाबाद(देवेंद्र/अनिल):  दुनिया की पहली दिव्यांग पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा ने एवरेस्ट पर झंडा फहरा कर देश व फरीदाबाद का नाम रोशन किया है। अरुणिमा का कहना है कि विकलांगता शरीर में नहीं होती बल्कि दिमाग में होती है। उन्होंने कहा कि अब वो अटलांटिका में जाकर तिरंगा फहराएंगी जिसके लिए उनको पीएम मोदी ने भी आशीर्वाद दिया है। वह गत दिवस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के बाद सीधे बल्लभगढ़ की तहसील में अपने निजी काम के लिए पहुंची थी।

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उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि 2011 में कुछ बदमाशों ने सोने की चैन लूटने के लिए उनको ट्रेन से उठाकर ट्रैक पर फेंक दिया था। इस हादसे में उनकी एक टांग चली गई लेकिन उसके बावजूद भी उन्होंने अपने आप को विकलांग नहीं होने दिया। उनका कहना है कि व्यक्ति शरीर से नहीं दिमाग से विकलांग होता है। मैने अपने दिमाग और मन को कभी कमजोर नहीं पड़ने दिया। जिसका नतीजा है कि आज मैं इस मुकाम पर पहुंच पाई हूं। 

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अरुणिमा सिन्हा ने बताया कि 13 दिसंबर को उनकी फ्लाइट है और वह अमेरिका के उस क्षेत्र में जा रही है, जहां 6 माह दिन और 6 माह रात होती है। वह वहां जाकर भी अपना तिरंगा फहराएंगी। दुनिया भर के विकलांगों के लिए मिसाल बनी अरुणिमा सिन्हा ने अस्पताल के बेड पर उपचार के दौरान ही अपने आप को एवरेस्ट पर झंडा फहराने के लिए तैयार कर लिया था। सन् 2014 में उनको पदम श्री अवार्ड से सम्मानित किया गया था और उन्हें वर्ष 2016 में तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड भी दिया गया।

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इस पुरस्कार को भारत में दिये जाने वाले अर्जुन पुरस्कार के समान माना जाता है। जोकि खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट स्थान प्राप्त करने वाले को दिया जाता है। अरुणिमा का कहना है कि उनके सास-ससुर उसके लिए काफी मददगार हैं और उनका सौभाग्य है कि वह हरियाणा से है। अरुणिमा की ससुराल फरीदाबाद के गांव ताजुपुर में है और आज वह वहां से अपनी फ्लाइट पकड़कर अमेरिका के लिए निकल गई।


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Rakhi Yadav

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