50 यात्रियों के ग्रुप द्वारा एडवांस बुकिंग करवाने पर दौड़ेगा यह भाप इंजन

punjabkesari.in Wednesday, Dec 12, 2018 - 12:30 PM (IST)

जोगिंद्रनगर (अमन): प्रदेश में सबसे खूबसूरत घाटी का दर्जा प्राप्त एवं हिमालय की हिमाच्छादित पहाड़ियों का शानदार दृश्य दृष्टिगोचर करने वाली हरी-भरी कांगड़ा घाटी के मनमोहक दर्शन करवाने के लिए रेलवे ने पालमपुर-बैजनाथ के मध्य अंग्रेजी काल के कोयले से चलने वाले भाप इंजन से लैस गाड़ी चलाने का निर्णय लिया है। इसके लिए ट्रायल सहित सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद अब रेलवे को यात्री ग्रुपों का इंतजार है। पपरोला रेलवे स्टेशन पर खड़ा भाप इंजन यात्रियों को पुराने जमाने में ले जाने को उतावला दिख रहा है। रेलवे के इस प्रयास से कांगड़ा घाटी में पर्यटन को नए पंख लग सकते हैं तथा प्रदेश दर्शन को आने वाले पर्यटकों के लिए रेलवे का यह नया रूप रोमांच का कारण बन सकता है। 

एक साथ 50 यात्रियों के ग्रुप के लिए चलाया जाएगा कोयला इंजन

कोयला इंजन सेवा यात्रियों की डिमांड पर चलेगी तथा एक साथ 50 यात्रियों के ग्रुप के लिए कोयला इंजन को चलाया जाएगा लेकिन इसके लिए उन्हें एडवांस में रेलवे से बुकिंग करवानी होगी। हालांकि अभी रेलवे से ऐसे किसी भी ग्रुप ने इस सेवा का लाभ लेने के लिए संपर्क नहीं किया है लेकिन रेलवे अधिकारियों के अनुसार पालमपुर-बैजनाथ के मध्य इस सेवा के लिए 50 यात्रियों का ग्रुप सहायक मंडल यांत्रिक प्रबंधक पठानकोट से फोन पर सम्पर्क करने सहित ऑनलाइन भी एडवांस बुकिंग करवा सकते हैं जिसके बाद 2 डिब्बों वाली यह सेवा ग्रुप को लेकर रोमांचकारी सफर पर निकल पड़ेगी।

साधारण किराए पर ही चलेगी स्पैशल रेल

रेलवे ने इस सेवा का किराया साधारण ही रखा है, शर्त केवल इतनी है कि स्पैशल रेल चलाने के लिए ग्रुप में कम से कम 50 यात्री होने चाहिए। इस ट्रैक पर रेल किराए पहले ही बस किराए के मुकाबले 7 गुना तक कम हैं ऐसे में बेहद कम किराए पर रेलवे की यह पहल जहां बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए हरी-भरी वादियों के दर्शन करने के लिए किसी तोहफे से कम नहीं होगी, वहीं प्रदेश में चल रहे हजारों स्कूल व अन्य शिक्षण संस्थान भी बच्चों को पिकनिक के दौरान रेल की यात्रा करवाकर पिकनिक को यादगार तथा रोमांचकारी बना सकते हैं।

नहीं हुईं पूरी सेवाएं बहाल

एक ओर जहां कोयला इंजन आधारित रेल सेवाएं चलाकर रेलवे कांगड़ा घाटी में कुछ नया करने का प्रयास कर रही है, वहीं दूसरी ओर रेलवे की इस रेल सैक्शन की अनदेखी का उदाहरण यह भी मिलता है कि बरसात से पहले बंद सेवाओं को अभी तक रेलवे 100 प्रतिशत बहाल करने में कामयाब नहीं हो पाई है। पठानकोट-पपरोला के मध्य 7 सेवाओं में से रेलवे की पपरोला से दोपहर 2 बजकर 10 मिनट पर चलने वाली सेवा अभी भी बंद पड़ी हुई है जिस कारण लोग परेशान हैं।


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Ekta

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