नए सिरे से तय होगी रेणुका बांध परियोजना की लागत : अनिल शर्मा

punjabkesari.in Tuesday, Dec 11, 2018 - 10:44 PM (IST)

धर्मशाला (सौरभ/जिनेश): पांवटा साहिब में बनने वाली रेणुका बांध परियोजना की लागत नए सिरे से तय की जाएगी। परियोजना की लागत अब नवीनतम मूल्य स्तर पर तय होगी। इसे लेकर जल संसाधन नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय ने निर्देश जारी किया है ताकि इसे मंजूरी के लिए आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति में रखा जा सके। ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा ने मंगलवार को पांवटा साहिब के विधायक सुखराम चौधरी के सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि परियोजना के जलघटक की 90 प्रतिशत लागत केंद्र सरकार वहन करेगी जबकि शेष 10 प्रतिशत लागत बांध के पानी से लाभान्वित होने वाले राज्य वहन करेंगे।

रेणुका बांध परियोजना के लिए प्रदेश सरकार को मिले 686.80 करोड़

उन्होंने बताया कि रेणुका बांध परियोजना के लिए अभी तक केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और हरियाणा सरकार से प्रदेश सरकार को 686.80 करोड़ रुपए मिले हैं। इनमें से 459.50 करोड़ रुपए भूमि अधिग्रहण पर खर्च किए जा चुके हैं तथा शेष राशि भी आने वाले महीनों में भूमि अधिग्रहण पर खर्च कर दी जाएगी। परियोजना के विद्युत यांत्रिक कार्यों की कीमत का 90 प्रतिशत भाग दिल्ली सरकार ने वहन करने पर अपनी सहमति दे दी है। परियोजना के प्रस्ताव को तकनीकी आॢथक मूल्यांकन समिति की 132वीं बैठक में स्वीकार किया है। उम्मीद है कि परियोजना का मसौदा केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा जिसके बाद केंद्र सरकार से धन मिलने पर परियोजना का कार्य शुरू हो जाएगा।

खत्म होगी लो वोल्टेज समस्या

चिंतपूर्णी के विधायक बलवीर सिंह द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र के तहत ग्राम पंचायत ठठल, नंदपुर, टकारला तथा बेहड़ जसवां में लो वोल्टेज की दिक्कत को दूर करने तथा पर्याप्त विद्युत सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए 11 के.वी. एच.टी. लाइन का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में 31 मार्च तक सब स्टेशन और ट्रांसफार्मर स्थापित कर दिए जाएंगे। गांव में विद्युत आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में सुनिश्चित करने के लिए 6229.89 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। इसके तहत 220/132 के.वी. सब स्टेशन भी कुठेड़ा में स्थापित किया गया है।

शिमला में सरकारी इमारतों पर 3 वर्षों में लगेंगे सौर ऊर्जा संयंत्र

कसुम्पटी के विधायक अनिरुद्ध सिंह के तारांकित प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा शिमला शहर के 60 भवनों व संस्थानों पर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा शिमला शहर की सरकारी इमारतों में 2.5 मैगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्वीकृति प्रदान की है, जिसे अगले 3 वर्षों में चरणबद्ध तरीके से स्थापित किया जाना है, जिनको रूफ टॉप ग्रीड कनैक्टिड सोलर पावर प्लांट से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा स्कीम के अंतर्गत अभी किसी भी सरकारी भवन में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित नहीं हुए हैं तथा इनके लिए निविधा प्रक्रिया पूर्ण करने के उपरांत संबंधित कंपनियों को आदेश जारी कर दिए जाएंगे।


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Vijay

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