बादल की कैप्टन को सलाह : ''कॉरीडोर मामले में न डालें खलल''

punjabkesari.in Tuesday, Dec 11, 2018 - 05:29 PM (IST)

चंडीगढ़ः पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह को आज सलाह दी कि ऐसा कुछ न कहें या करें जिससे करतारपुर साहिब कॉरीडोर रोकने का बहाना बने और दुनिया भर के करोड़ों सिखों की 70 वर्ष पुरानी इच्छा पूरी होने से रह जाए। कैप्टन ने हाल में कॉरीडोर को पाकिस्तानी सेना की साजिश करार दिया था।

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आज यहां जारी बयान में बादल ने कहा कि भारत सरकार की पहल और पाकिस्तान सरकार का प्रतिसाद किसी व्यक्ति या पार्टी से परे समूचे खालसा पंथ की उपलब्धि हैं। इसलिए इसका स्वागत किया जाना चाहिए और किसीको ऐसा कुछ कहना या करना नहीं चाहिए कि इसमें खलल पड़े। बादल ने कैप्टन के बयान को ‘अविवेकी‘ और असामयिक करार दिया और कहा कि यह सिख भावनाओं के खिलाफ है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं कैप्टन से अनुरोध करना चाहूंगा कि इस समुदाय के इस पवित्र मकसद के पूरा होने में बाधा न डालें।

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मुख्यमंत्री को यह याद दिलाना जरूरी है कि कॉरीडोर राजनीतिक नहीं पर धार्मिक मामला है जिसके लिये हर सिख पिछले 70 सालों से प्रार्थना कर रहा है।‘‘ मास्टर तारा सिंह से लेकर संत फतेह सिंह, संत हरचंद सिंह लोंगोवाल, जत्थेदार गुरचरण सिंह टोहरा, जगदेव सिंह तलवंडी, कुलदीप सिंह, शिरोमणि अकाली दल के वर्तमान नेतृत्व और समूचे सिख समुदाय का योगदान है और विभाजन के समय पाकिस्तान में चले गये करतारपुर साहिब गुरद्वारे के दर्शन में किसीको आड़े नहीं आना चाहिए। बादल ने कहा कि हर कोई जिसने इस उपलब्धि में छोटी सी भी भूमिका निभाई है, उसकी सराहना की जानी चाहिए भले वह किसी भी पार्टी से हो। उन्होंने कहा कि वह उन सबका शुक्रिया अदा करना चाहेंगे और कैप्टन से अनुरोध करना चाहेंगे कि वह राजनीतिक मजबूरियों से ऊपर उठकर कॉरीडोर की पहल का स्वागत और समर्थन करें।
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कॉरीडोर के पाकिस्तान सेना और खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलीजेंस (आईएसआई) की तरफ से दुरुपयोग करने की कैप्टन की आशंकाओं को लेकर बादल ने कहा कि कैप्टन साहब यह भूल रहे हैं कि पंजाबी और खासकर सिख देशभक्त लोग हैं और देश की सुरक्षा, एकता और अखंडता की किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं। कैप्टन जो खुद भारतीय सेना के अंग रह चुके हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि हमारी देश के खिलाफ किसी साजिश से निबटने में सक्षम हैं। कैप्टन को सुरक्षा का मुद्दा भारत सरकार पर छोड़ देना चाहिए और पंजाब के मुख्यमंत्री के नाते उन्हें भारत की पहल व पाकिस्तान के कॉरीडोर खोलने की तैयारी का समर्थन करना चाहिए।


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