लाखों की सैलरी पर अप्वाइंट किए ‘एडवाइजर व कंसल्टैंट’

punjabkesari.in Tuesday, Dec 11, 2018 - 04:00 PM (IST)

पंचकूला(मुकेश) : पंचकूला नगर निगम के कमिश्नर फिर चर्चा में हैं। निगम में मोटी सैलरी पर 4 कंसल्टेंटों को अप्वाइंट किया गया है। लेकिन निगम के वार्ड 13 से पूर्व पार्षद रविकांत स्वामी ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को चिट्ठी लिखकर निगम कमिश्नर की कार्यप्रणाली पर सवाल किए हैं। आखिर किस अधिकरी के उपयोग करके लाखों की तनख्वाह पर उन कंसल्टेंटों को रखा गया है। क्या इसके लिए सरकार से मंजूरी ली गई थी? 

पूर्व पार्षद ने आरोपी लगाते हुए लिखा है कि बिना किसी जरूरत के और बिना कोई मंजूरी के अपनी मर्जी से निगम कमिश्नर राजेश जोगपाल ने इन पोस्टों को सैंक्शन देकर तीन एडवाइजर और एक रोड सेफ्टी कंसल्टेंट को रखकर साजिश के तहत हर महीने लाखों सरकारी खजाने का दुरुपयोग किया है। इस शिकायत की कापी पूर्व पार्षद द्वारा सरकार के चीफ सैक्रेटरी, शहरी निकाय मंत्री, हरियाणा सरकार के अर्बन लोकल बाडीज के टैक्नीकल एडवाइजर, अर्बन लोकल बॉडीज के प्रिंसिपल सैक्रेटरी, डी.जी. स्टेट विजिलैंस, डी.सी. पंचकूला, डायरैक्टर सी.बी.आई. और चीफ इंजीनियर कम सी.वी.ओ. अर्बन लोकल बॉडीज को भी भेजी है। एडवाइजर व कंसल्टैंट सरकारी नौकरी से रिटायर हो रखे हैं। 

चिट्ठी में पूर्व पार्षद ने एक और चौंकाने वाला आरोप लगाया है कि निगम के कमिश्नर राजेश जोगपाल द्वारा रोड सेफ्टी कंसल्टेट नवदीप के असीजा को 15 हजार रुपए प्रति दिन के हिसाब से दो साल के लिए एग्रीमेंट करके रखा गया है। एग्रीमेंट पर बाकायदा निगम कमिश्नर ने हस्तक्षर हो रखे हैं और डायरी नंबर तक लगा हुआ है। महीने की छुट्टियां काट दी जाए तो हर महीने करीब 3 लाख 75 हजार निगम पंचकूला द्वारा दिया जा रहा है। 

इन कामों की जांच कर रही है विजीलैंस :
-निगम पंचकूला द्वारा शहर में महंगी कोटेशन दरों पर नियमों को ताक पर रख कर गति अवरोधक लगवाने बारे (जिसका खर्चा करीब 20-30 लाख आया है)
-निगम ने सैक्टर-4 के कम्यूनिटी सैंटर में बनवाए गए अवैध सी.एफ.सी. सैंटर पर कोटेशनों के आधार पर करीब 70-80 लाख खर्च करने बारे
-निगम के सैक्टर-21 में कोटेशनों के आधार पर एंगल लगवाकर उसकी पाऊडर कोटिंग-प्रीटिड शीट लगाने के लिए 9.80 लाख रुपए खर्च करने बारे
-सैक्टर-14 स्थित नगर निगम ऑफिस के बाहर पार्किंग में लाखों रुपए खर्च कर अवैध शैड बनवाने बारे
-सैक्टर-4 के कम्युनिटी सैक्टर के प्रांगण में कोटेशन के आधार पर टाइले लगवाने बारे।
-नगर निगम द्वारा 8.50 लाख रुपए की कोटेशन पर शहर की सड़कों पर रोड मार्किंग करवाने बारे।
-नगर निगम  द्वारा कोटेशन के आधार पर सैक्टर -21 में करीब 7.50 लाख रुपए के स्पीड ब्रेकर लगवाने बारे।
-स्वच्छ सर्वेक्षण के नाम पर लाखों रुपए निगम अधिकारियों ने टैक्सियों पर किए खर्च।
-नगर निगम द्वारा स्टीट बैंडर्स को महंगी दरों पर फूड कार्ट जबरदस्ती देने बारे (जिसकी कीमत 80 हजार से लेकर 1.40 लाख रुपए तक)
-नगर निगम द्वारा बस स्टॉप तोड़कर वहां पर कोटेशन पर टाइलें लगवाने बारे। 
-नगर निगम द्वारा ऑस्कर कंपनी को पॉवर सप्लाई करने का ठेका लगातार पिछले 2-3 सालों से बिना टैंडर आमंत्रित किए कंटीन्यू करने बारे। 


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Priyanka rana

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