बिजली बोर्ड में संशोधित ग्रेड-पे पर विवाद, कर्मचारियों से हो सकती है लाखों की रिकवरी

punjabkesari.in Tuesday, Dec 11, 2018 - 12:29 PM (IST)

शिमला (कुलदीप): हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड लिमिटेड में संशोधित ग्रेड-पे पर विवाद खड़ा हो गया है। इसके तहत 48 श्रेणियों के कर्मचारियों की ग्रेड-पे को घटाने का आरोप लगाया गया है। इस निर्णय से न केवल वेतनमान में कटौती होगी बल्कि कर्मचारियों से लाखों की रिकवरी होने की भी संभावना है। बिजली बोर्ड इम्प्लाइज यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह खरवाड़ा ने संपर्क करने पर आरोप लगाया कि प्रबंधक वर्ग कर्मचारियों के हितों की अनदेखी कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रबंधक वर्ग ने तकनीकी कर्मचारियों को पंजाब की तर्ज पर मिलने वाली संशोधित ग्रेड-पे को लेकर कार्यालय आदेश नम्बर 10 अप्रैल, 2018 जारी करके 31 दिसम्बर, 2015 के बाद 48 श्रेणियों के कर्मचारियों के वेतनमानों को घटाकर कई वेतन विसंगतियां खड़ी कर दी हैं। 

इन आदेशों के अनुसार फोरमैन और जे.ई. प्रमोटी की ग्रेड-पे को 5,350 रुपए से घटाकर 4,350 रुपए, लाइनमैन व एस.एस.ए. की ग्रेड-पे 3,700 रुपए से घटाकर 2,800 रुपए तथा इलैक्ट्रीशियन और फिटर की ग्रेड-पे 3,400 रुपए से घटाकर 2,300 रुपए कर दी गई है। इसी तरह अन्य श्रेणियों की भी ग्रेड-पे में भारी कटौती करके वेतनमानों को नीचे लाया गया है। इसके चलते वर्तमान में कर्मचारियों को दिया जा रहा वेतनमान न तो पंजाब और न ही हिमाचल के आधार पर है। उन्होंने कहा कि 31 दिसम्बर, 2015 के बाद इन श्रेणियों के हजारों कर्मचारी पदोन्नत होकर रिटायर भी हो गए और उनकी पैंशन का निर्धारण भी संशोधित ग्रेड-पे के आधार पर हो गया। इससे आज कर्मचारियों से लाखों रुपए की रिकवरी की जा रही है।

कर्मचारी 17 को बनाएंगे रणनीति

कुलदीप सिंह खरवाड़ा ने बताया कि बिजली बोर्ड प्रबंधक वर्ग के अव्यवहारिक और गैर जिम्मेदाराना रवैये से परेशान हैं। उन्होंने कहा कि यदि वेतन विसंगतियों को दूर नहीं किया गया तो 17 दिसम्बर को ऊना में होने वाली यूनियन की केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी कि यह आंदोलन प्रदेशभर में होगा और इसके लिए प्रबंधक वर्ग जिम्मेदार होगा।

 


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Ekta

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