गुड न्यूज : फोन टैप होने का ‘डर’ है तो ट्राई से मांग सकते हैं सूचना

punjabkesari.in Monday, Dec 10, 2018 - 09:35 AM (IST)

जालंधर(पुनीत): बहुत बड़ी तादाद में ऐसे लोग हैं जिन्हें इस बात का डर रहता है कि उनका फोन टैप किया जा रहा है। फोन पर की जा रही उनकी बात बाहर निकल सकती है।  लोग फोन पर गोपनीय बात करने से डरते हैं लेकिन अब डरने की जरूरत नहीं क्योंकि आर.टी.आई. के जरिए ट्राई से यह जानकारी मांगी जा सकती है कि उनका फोन टैप हो रहा है या नहीं। 

हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा है कि सूचना अधिकार के तहत फोन के टैप व इससे जुड़ी अन्य जानकारी मांगे जाने पर ट्राई (टैलीकॉम रैगुलेटरी अथॉरिटी) द्वारा आवेदक को जानकारी मुहैया करवानी होगी। कोर्ट ने कहा है कि इसके लिए ट्राई के पास नैटवर्क आप्रेटर से जानकारी लेने का अधिकार है, भले ही वह प्रोवाइडर प्राइवेट ही क्यों न हो। नैटवर्क आप्रेटर से जानकारी लेकर ट्राई उसे आवेदनकत्र्ता तक पहुंचाएगा।

इस मामले में एडवोकेट कबीर बोस द्वारा एक याचिका दायर की गई थी। ट्राई ने दावा किया था कि उसके पास प्राइवेट संस्थान (जैसे वोडाफोन) से सूचना हासिल करने का अधिकार नहीं है। इस उपरांत सी.आई.सी. (सैंट्रल इंफर्मेशन कमीशन) ने ट्राई को कहा था कि वह वोडाफोन से सूचना लेकर एडवोकेट कबीर बोस को उपलब्ध करवाए। 

माननीय न्यायाधीश सुरेश कैट ने ट्राई के दावे को खारिज कर दिया और कहा कि पब्लिक अथॉरिटी (जैसे ट्राई) के पास आर.टी.आई. एक्ट के सैक्शन 2 (एफ) के तहत किसी भी प्राइवेट संस्थान से जानकारी लेने का अधिकार है। वोडाफोन ने इस मामले में खुद को प्राइवेट संस्थान बताते हुए वकील की याचिका से छूट की मांग की लेकिन कोर्ट ने याचिकाकत्र्ता के हक में फैसला सुनाया। इस फैसले के चलते लोगों को बड़ी राहत मिलेगी और वे जान सकेंगे कि उनके द्वारा की जा रही बातें गोपनीय हैं या नहीं। 


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swetha

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