बहुचर्चित बीवरेज कॉर्पोरेशन मामले में 6 स्थानों पर FIR, जानिए पूरा मामला

punjabkesari.in Friday, Dec 07, 2018 - 10:42 AM (IST)

शिमला (कुलदीप): बहुचर्चित बीवरेज कॉर्पोरेशन मामले में प्रदेश के 6 स्थानों पर एफ.आई.आर. दर्ज की गई है। ये एफ.आई.आर. चम्बा, शिमला, बद्दी, नूरपुर, सोलन और हमीरपुर में पुलिस के पास दर्ज हुई हैं। बीवरेज मामले में यह जांच 2 पहलुओं को ध्यान में रखकर की जा रही है। पहला साजिश के तहत थोक विक्रेता को शराब बेचने का मामला और दूसरा सरकारी खजाने को चपत पहुंचाया जाना है। सरकार ने विजीलैंस को यह जांच कार्य समयबद्ध करने का निर्णय लिया है और फरवरी, 2019 तक इसे किसी नतीजे तक पहुंचाने को कहा है। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार पहले एजैंसी को यह जांच कार्य आगामी जनवरी माह के अंत तक पूरा करने को कहा गया था, जिसमें एक माह का अतिरिक्त समय दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में वित्त वर्ष, 2015-16 के दौरान शराब के ठेकों की नीलामी करने का लिया गया था। इसके लिए अलग से बीवरेज कॉर्पोरेशन का गठन किया गया। इसके बाद प्रदेश में शराब का कारोबार कर रहे रिटेल कारोबारियों को हिमाचल बीवरेज कॉर्पोरेशन से शराब खरीद कर बेचने का निर्णय लिया गया। प्रदेश सरकार की तरफ से आबकारी नीति में इस बदलाव के साथ राष्ट्रीय उच्च मार्ग के किनारे शराब के ठेकों को खोलने पर सुप्रीम कोर्ट की मनाही से खजाने को करीब 250 करोड़ रुपए से अधिक का नुक्सान हुआ। इतना ही नहीं, बीवरेज को शराब की आपूर्ति करने वाली कंपनी ने चुनिंदा शराब के ब्रांडों की महंगे दामों में प्रदेश में बिक्री की। एम.आर.पी. की जगह एम.एस.पी. पर शराब का कारोबार हुआ।

भाजपा चार्जशीट में लगाए गए थे आरोप

बीवरेज कॉर्पोरेशन के माध्यम से अनियमितता के आरोप भाजपा ने विपक्ष में रहते हुए अपनी चार्जशीट के माध्यम से लगाए थे। यह चार्जशीट राज्यपाल को सौंपी गई थी। चार्जशीट में आरोप लगाया गया था कि बीवरेज कॉर्पोरेशन के गठन से भ्रष्टाचार को संरक्षण मिला है। इसके बाद जब बीवरेज कॉर्पोरेशन को बना ही दिया गया तो रिटेलर को माल सीधा सप्लाई क्यों नहीं किया गया।












 


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Ekta

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