HPCA केस: SC ने कहा, गलती से कर दी अनुराग ठाकुर के खिलाफ FIR रद्द

punjabkesari.in Tuesday, Nov 20, 2018 - 12:58 PM (IST)

शिमला: सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में प्रेम कुमार धूमल और सांसद अनुराग ठाकुर को एचपीसीए केस में राहत दी थी। लेकिन अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उन्होंने अनुराग ठाकुर और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी गलती से रद्द कर दी थी। न्यायमूर्ति ए के सीकरी और न्यायमूर्ति एस ए नजीर की पीठ को हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की ओर से पक्ष रख रहे वकील ने कहा कि पहले शीर्ष अदालत के 2 नवंबर के आदेश को वापस लिया जाना चाहिए। हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ (एचपीसीए) द्वारा दायर मामले में सिंह को वादी बनाया गया है। 

शीर्ष अदालत ने दो नवंबर को ठाकुर, उनके पिता तथा हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और अन्य के खिलाफ दो अलग-अलग मामलों में दर्ज दो प्राथमिकी रद्द कर दी थी। एक मामला धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण के लिए पट्टे पर जमीन देने में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है और दूसरा मामला सरकारी जमीन के कथित अतिक्रमण से संबंधित है। अनुराग ठाकुर और अन्य की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता पी एस पटवालिया ने पीठ को बताया कि आदेश को वापस लेने की जरूरत नहीं है, क्योंकि मुख्य प्राथमिकी पहले ही अदालत ने रद्द कर दी थी।

वीरभद्र के वकील ने कहा कि 2 नवंबर के आदेश को रद्द किया जाना चाहिए, क्योंकि शीर्ष अदालत ने ठाकुर और अन्य के खिलाफ जमीन के कथित अतिक्रमण से संबंधित मामले के सिलसिले में दर्ज एक अलग प्राथमिकी को गलती से रद्द कर दिया था। उन्होंने कहा कि दूसरी प्राथमिकी में उन्होंने कोई दलील नहीं दी, जिसे अदालत ने गलती से रद्द कर दिया था। 

पढ़ें क्या है मामला 
उल्लेखनीय है कि इस केस में दो एफआईआर दर्ज की गई थी। पहली एफआईआर में स्टेडियम के निर्माण को लीज पर देने में अनियमितता बरतने का आरोप था, जबकि दूसरी सरकारी जमीन पर अतिक्रमण से संबंधित थी। अब कोर्ट ने भूलवश दूसरी एफआईआर को भी रद्द कर दिया गया है। हालांकि, शिक्षा विभाग ने एनओसी दी थी और शिक्षा मंत्री ने इस पर मुहर भी लगाई थी। 


 


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Ekta

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