आंगनबाड़ी के लिए कीड़ा लगी गेहूं पिसवाने पर जांच के लिए पहुंची सी.डी.पी.ओ.

punjabkesari.in Monday, Nov 19, 2018 - 09:17 AM (IST)

बराड़ा(शर्मा): शनिवार को गांव कम्बासी में आंगनबाड़ी के बच्चों के लिए कीड़े लगी गेहूं पिसवाने की खबर छपने के बाद विभागीय अधिकारी हरकत में आए। अगले ही दिन विभाग की सुपरवाइजर व सी.डी.पी.ओ. मनीषा गागट ने गांव में जाकर गेहूं व आंगनबाड़ी का रिकार्ड जांचा। वहीं, टीम ने गेहूं का सैंपल भी लिया। सी.डी.पी.ओ. ने आटा चक्की वाली गेहूं के बारे में बताया कि वह आटा आंगनबाड़ी के बच्चों के लिए नहीं पिसवाया जा रहा था।

वह आंगनबाड़ी वर्कर के घर के पशुओं के लिए था लेकिन ग्रामीण इस बात से सहमत होते नहीं दिखे। ग्रामीण कीकर सिंह, विक्रम सिंह, इंद्र सिंह व श्याम सिंह आदि का कहना था कि ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं जो पशुओं के लिए भी सुरसरी लगा अनाज पिसवा दे। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि अधिकारी मामले की तह तक जाकर जांच करने की बजाय इस मामले को दबाने में लगे हैं। 

जोहड़ में मिली गेहूं
अधिकारियों की जांच में यह सामने आया कि जो गेहूं चक्की पर पिसवाने के लिए लाया गया वह बच्चों के लिए नहीं बल्कि पशुओं के लिए पिसवाई जा रही थी अगर यह पशुओं के लिए पिसवाई जा रही थी तो शनिवार शाम को आंगनबाड़ी वर्कर चक्की पर गेहूं बदलने की बात क्यों करने गई। दूसरा शनिवार रात को जोहड़ में भारी मात्रा में चक्की में लाए गए गेहूं मिला, जिसकी जानकारी सी.डी.पी.ओ. को भी दी गई। 

बच्चों को नहीं भेजेंगे आंगनबाड़ी
इस प्रकार का आटा पिसने का मामला सामने आने के बाद ग्रामीणों ने अपने बच्चों को भी आंगनबाड़ी भेजने से मना कर दिया। गांव के लोगों ने कहा कि जहां सरकार बच्चों में शारीरिक दुर्बलता न हो इसके लिए पौष्टिक भोजन देने की योजना आंगनबाडिय़ों के माध्यम से चला रही है लेकिन आंगनबाडिय़ों में कार्यरत महिला कर्मचारियों की लापरवाही बच्चों की सेहत पर भारी पड़ सकती है। 


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Rakhi Yadav

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