शर्मा की कंपनी की देनदारियों को उनकी निजी कैसे माना जा सकता है ?

punjabkesari.in Sunday, Nov 18, 2018 - 10:53 AM (IST)

चंडीगढ़ (बृजेन्द्र): बीते विधानसभा चुनावों में डेराबस्सी चुनावी क्षेत्र से जीत हासिल करने वाले अकाली-भाजपा उम्मीदवार एन.के. शर्मा के चुनाव को चुनौती देने वाले कांग्रेसी उम्मीदवार दीपेंद्र सिंह ढिल्लों की याचिका में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने एक अहम प्रश्न किया है। हाईकोर्ट ने याची से पूछा है कि बताए कि शर्मा की कंपनी की देनदारियों को उनकी निजी देनदारियां कैसे माना जा सकता है। 

हाईकोर्ट ने याची को एन.के. शर्मा की रियल एस्टेट कंपनी की कथित देनदारियां, उनकी निजी देनदारियां होने की बात को साबित करने को कहा है। वहीं इस याचिका को रद्द करने की एन.के. शर्मा की अर्जी पर हाईकोर्ट ने याचिकाकत्र्ता ढिल्लों को 1 दिसम्बर के लिए नोटिस जारी किया है।

याचिका तथ्यहीन, रद्द हो: शर्मा
याचिका खारिज करने की मांग करते हुए शर्मा ने कहा कि ढिल्लों द्वारा लगाए गए दोनों आरोप तथ्यहीन हैं और इन आरोपों के आधार पर किसी निर्वाचित सदस्य का चुनाव रद्द किए जाने का कोई कारण नहीं बनता। शर्मा की पैरवी करते हुए एडवोकेट धीरज जैन ने कोर्ट को बताया कि शर्मा ने अपने शपथ पत्र में अपनी सभी वित्तीय संसाधनों और देनदारियों का विवरण दिया था। उन्होंने कहा कि किसी भी कंपनी की देनदारियां उसके शेयर होल्डर्स की देनदारियां नहीं मानी जाती। शर्मा के चुनाव में डेरा सच्चा सौदा की सहायता लेने के आरोप को भी झुठलाते हुए जैन ने कहा कि शर्मा पर किसी प्रकार से चुनाव के धार्मिक भावनाओं के आधार पर समर्थन हासिल करने का आरोप नहीं है इसलिए इस याचिका को रद्द किया जाना चाहिए।

ढिल्लों ने यह आरोप जड़े थे शर्मा पर
2017 के चुनाव में शर्मा से हारने वाले कांग्रेसी उम्मीदवार ढिल्लों ने याचिका में आरोप लगाया था कि शर्मा ने नामांकन पत्र के साथ आयोग को वित्तीय संसाधनों की सही जानकारी नहीं दी थी।  चुनाव आयोग को अपने हलफनामे में शर्मा ने कहा था कि उन पर कोई बकाया नहीं है, जबकि उनके पिता की कंपनी पर पी.एस.पी.सी.एल. का ही 32 लाख की देनदारी है। वहीं शर्मा इस कंपनी के निदेशक हैं। इसके अलावा कंपनी पर सावित्री ग्रीन, गाजीपुर और सावित्री ग्रीन, जीरकपुर जैसे प्रोजैक्टों के लिए जीरकपुर नगर काऊंसिल की लगभग 8 करोड़ की देनदारी भी बकाया है। इसके अलावा इस याचिका में डेरा सच्चा सौदा द्वारा अकाली दल को समर्थन की अपील को भी चुनाव जीतने में शर्मा की अनुचित सहायता बताया गया था।


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bhavita joshi

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