कुख्यात गैंगस्टर ‘मस्ती’ के शव में चल रहे थे कीड़े, ‘एनकाऊंटर’ पर उठे सवाल

punjabkesari.in Thursday, Nov 15, 2018 - 10:33 AM (IST)

अमृतसर(सफर, बौबी): जब आप यह खबर पढ़ रहे होंगे तो 15 नवम्बर का सूरज निकल चुका होगा। 2018 के इतिहास में 15 तारीख को गुरु बाजार के प्रेम कुमार एंड संस के शोरूम में सूरज की रोशनी में 3.20 करोड़ का डाका पड़ा था और डाका डालने वाले थे गैंगस्टर करण मस्ती, शुभम, रिंका, अरुण छुरी मार व अन्य। सबसे बड़ी लूट की गूंज मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के दरबार तक पहुंची। 

PunjabKesariपंजाब सरकार के मंत्रियों ने प्रेम कुमार के पास जाकर उन्हें जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार करके करोड़ों के लूटे आभूषणों की रिकवरी करवाने का आश्वासन दिया था। पंजाब के डी.जी.पी. खुद अमृतसर पहुंचे और विस्तार से चर्चा की। दुनिया भर में सोशल मीडिया से लेकर इलैक्ट्रोनिक व प्रिंट मीडिया की हैडलाइन बनी इस घटना की 60 दिन बाद जांच कहां तक पहुंची। सबसे बड़ा सवाल यही है कि करण मस्ती के एनकाऊंटर की खबरें यू.पी. व पंजाब पुलिस ने अलग-अलग पीठ थपथपाते हुए छपवा लीं लेकिन फॉरैंसिक जांच कहती है कि शव में कीड़े चल रहे थे तो एनकाऊंटर अगर हुआ तो शव में कीड़े चलने तक पुलिस शव को कब्जे में लेने का इंतजार क्यों करती रही? अगर एनकाऊंटर नहीं हुआ है, अज्ञात स्थान पर लावारिश शव की पहचान पंजाब पुलिस ने करण मस्ती के नाम पर की है तो फिर एनकाऊंटर में मार गिराने की वाहवाही क्यों लूटी जा रही है, जनता जवाब मांगती है।  ‘पंजाब केसरी’ अपने पाठकों तक लाया है सबसे बड़ी लूट की 60 दिन बाद की सज्जाई ग्राऊंड रिपोर्ट के आधार पर। 

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गैंगस्टर मस्ती का ‘सफर’ चोरी से हुआ था शुरू
एशिया की सबसे बड़ी ड्राई फ्रूट मंडी रही मजीठ मंडी में मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मा कर्ण बचपन से ही बुरी संगत का शिकार हुआ, तो कम उम्र में ही 2 नंबर की दुनिया में उतर आया। सुर्खियों में तब आया जब लोहगढ़ जुआ लूटा और लोगों ने पकड़ जेल भिजवाया। पेशी से आया तो फरार हो गया। फरार होने के बाद सोना बाजार के मराठा ’वैलर्स पर 45 लाख का डाका डाला। इसी बीच वार्ड नंबर 50 के पार्षद गुरदीप सिंह पहलवान हत्याकांड नें मस्ती मास्टरमाइंड था। मस्ती की हत्या भी मौज ‘मस्ती’ में हुई। तभी तो जिस शव को 2 राज्यों की पुलिस गैंगस्टर कर्ण मस्ती बता रही थी उसी शव को गाजियाबाद की युवती ने साहिल बताते हुए पत्नी होने का दावा पुलिस जांच अधिकारी के सामने किया है। उधर, पुलिस को जांच के दौरान आधार कार्ड मिला है जिस पर साहिल नाम लिखा है। बड़ा सवाल यही है कि गैंगस्टर करण मस्ती जो पंजाब पुलिस की लिस्ट में वांटेड है उसका आधार कार्ड आखिर कैसे बन गया। 

अब तो उम्मीदें भी जवाब देने लगीं 
गैंगस्टरों की लूट का शिकार बने प्रेम कुमार दुखी मन से बोले कि उन्हें अब करोड़ों रुपयों के लूट के आभूषणों की रिकवरी होते नहीं दिख रही है, जांच चल रही है। जब सोना बाजार सिक्योर नहीं है तो सिस्टम को लेकर और क्या कहें। लूट में जिन गैंगस्टरों के नामों पर पुलिस जांच कर रही है, उनमें मास्टरमाइंड करण मस्ती की मौत के बाद और एक आरोपी रिंका की गिरफ्तारी के बाद भी पुलिस मामले में क्या हुआ बता नहीं रही है, बस इतना कह रही है कि जांच जारी है। 

जांच अधिकारी डी.सी.पी. से 1 सवाल
प्रश्न. घटना के 60 दिन बीत चुके हैं, लूट के शिकार होने वालों को रिकवरी की उम्मीद नहीं बची है। मास्टरमाइंड कर्ण मस्ती की मौत के बाद रिकवरी के कितने चांस हैं और कर्ण मस्ती का एनकाऊंटर अमृतसर पुलिस ने किया या उत्तर प्रदेश पुलिस ने दोनों श्रेय ले रहे हैं, उधर चर्चाएं हैं कि फॉरैंसिक जांच में आया है कि कर्ण मस्ती के शव में कीड़े चल रहे थे, ऐसे में एनकाऊंटर अगर हुआ तो शव कितनी देर बाद कब्जे में लिया गया? 

डी.सी.पी.: जांच चल रही है, 11 लोगों को पकड़ा गया है। रिकवरी के 100 प्रतिशत चांस हैं। प्रोटैक्शन वारंट पर कुछ गैंगस्टरों को पुलिस पूछताछ के लिए लाने जा रही है, गैंगस्टरों की धड़पकड़ जारी है, जल्द ही बाकी गैंगस्टरों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। मामले के एक आरोपी रिंका से पूछताछ चल रही है, पुलिस आरोपियों पर घेरा डाल रही है, जल्द ही कामयाबी मिलेगी। लूट के आभूषणों की रिकवरी के लिए अलग-अलग टीमें काम कर रही हैं। 


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