अब मशीनों से होगी गली -मोहल्लों की सफाई, नगर निगम खरीदेगा 4 नई सफाई मशीनें

punjabkesari.in Wednesday, Nov 14, 2018 - 12:16 PM (IST)

बठिंडा(विजय): गली मोहल्लों की सफाई अब मशीनों से की जाएगी। नगर निगम 1 करोड़ रुपए की लागत से 4 नई रोड स्वीपिंग मशीनें खरीदेगा जो लगातार पूरे शहर की 20 फुट से चौड़ी गलियों की सफाई करेंगी। निगम अधिकारियों का दावा है कि  मैकेनाइज्ड स्वीपिंग से सफाई करने वाली मशीन सड़कों की धूल साफ कर उन्हें चमका देंगी।

गौरतलब है कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 में प्रदेश भर में बठिंडा नगर निगम ने पहला स्थान हासिल करने के बाद निगम शहर की सफाई व्यवस्था पर विशेष जोर देने में जुटा हुआ है। पता चला है कि & मशीनों के लिए राशि रा’य के वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल की ओर से सरकार से उपलब्ध करवाई जाएगी, जबकि एक मशीन नगर निगम की ओर से अपने स्तर पर खरीदी जाएगी। शहर में ड्रेनेज और सीवरेज सिस्टम पर काम चल रहा है वहीं, निगम ने संसाधन जुटाने शुरु कर दिए गए हैं। पिछले दिनों साफ-सफाई के लिए कुछ मशीनें खरीदने की प्लानिंग की थी। इसको लेकर जनरल हाऊस से प्रस्ताव भी पारित हो चुका है, जल्द ही मशीनें खरीदी जाएंगी।

मशीनों से 20 फुट वाली सभी सड़कों की होगी सफाई  
अब जल्द ही उक्त मशीनें अपना काम शुरू कर देंगी जिसके तहत गली-मोहल्लों में सफाई की जाएगी। जहां पहले शहर की गलियां व कालोनियों में सफाई का कार्य किया जाता था वहीं अब शहर की मुख्य सड़कों पर सफाई की जाएगी। हालांकि, निगम मौजूदा समय में तीन रोड स्वीपिंग मशीनों से शहर के कुछ प्रमुख सड़कों की सफाई कर रहा है, लेकिन नई खरीदी जा रही मशीनें 20 फुट वाली सभी सड़कों की सफाई करेंगी जिनमें गली-मोहल्लों की सड़कें भी आ जाएंगी।

कालोनियों में लगने वाले गंदगी के ढेर से मिलेगी निजात  
मैकेनाइ’ड स्वीपिंग सिस्टम से वैक्यूम क्लीनर की तर्ज पर सड़कों की सफाई की जाती है, जिससे सड़कें धूल रहित होकर साफ-सुथरी रहेंगी। शहर सड़कों की सफाई मशीन  द्वारा होगी। जो कर्मचारी सड़कों पर सफाई करते हैं उन्हें निगम के अन्य कार्यों में लगाया जाएगा। इससे कालोनियों में लगने वाले गंदगी के ढेर से निजात मिल जाएगी। मशीन से सफाई शुरू होने के बाद समय की काफी बचत होगी। 

निगम अधिकारी काम को जल्द अंजाम देने में जुटे
 निगम अधिकारी जल्द से जल्द इस काम को अंजाम तक पहुंचाने में जुटे हैं। इसके तहत ग्राऊंड वर्क के साथ-साथ मशीनों की खरीद-फरोख्त के लिए भी वे विभिन्न कंपनियों के साथ माथाप‘ची कर रहे हैं। निगम शहर की सड़कों की स्थिति के हिसाब से मशीनों की खरीदना चाहता है, इसलिए वे ऐसी मशीनों की ही खरीदना चाहते हैं जोकि शहर की सड़कों के हिसाब से उपयुक्त हों। कहीं ऐसा न हो कि एक करोड़ रुपए खर्च करने के बावजूद कुछ समय बाद मशीनें बेकार साबित होने लेंगे। 


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