कांग्रेस को कहीं महंगी न पड़ जाए पंजाब के अध्यापकों की नाराजगी

punjabkesari.in Tuesday, Nov 13, 2018 - 10:22 AM (IST)

लुधियाना(विक्की): लम्बे समय के बाद मध्य प्रदेश व राजस्थान में सत्तासुख भोगने के सपने देख रही कांग्रेस पार्टी के लिए पंजाब के प्रदर्शनकारी अध्यापक नया सिरदर्द बन सकते हैं। जानकारी मिली है कि पटियाला में पिछले 37 दिन से अपनी मांगों को लेकर भूख हड़ताल व स्थायी धरने पर बैठे एस.एस.ए./रमसा अध्यापकों ने अब पंजाब की कैप्टन सरकार पर दबाव बनाने के लिए राजस्थान व म.प्र. में जाकर स्थानीय जनता को पंजाब के अध्यापकों के साथ पंजाब की कांग्रेस सरकार द्वारा किए जा रहे व्यवहार बारे बताने की रूपरेखा तैयार कर ली है।

बताया जा रहा है कि 14 नवम्बर के बाद अध्यापक उक्त दोनों राज्यों की ओर भी रुख कर सकते हैं, क्योंकि 14 तक यूनियन ने पंजाब में ही अपने संघर्ष का प्रोग्राम तैयार किया है। यही नहीं इससे पहले प्रदर्शनकारी एस.एस.ए./ रमसा अध्यापक यूनियन पंजाब ने दिल्ली में भी पंजाब सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करने का प्रोग्राम बनाया है। अब अगर प्रदर्शनकारी अध्यापकों का यह नया फार्मूला कामयाब रहता है तो कहीं न कहीं उक्त दोनों राज्यों में कांग्रेस के वोटबैंक पर भी असर पडऩे की सम्भावनाएं प्रबल होने से विपक्षी पाॢटयों को इसका फायदा मिलने के आसार पैदा हो सकते हैं।

28 नवम्बर को म.प्र. व 7 दिसम्बर को राजस्थान में चुनाव
जानकारी के मुताबिक म.प्र. में 28 नवम्बर और राज्स्थान में 7 दिसम्बर को विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। दोनों राज्यों में अभी भाजपा की ही सरकार पिछले लम्बे समय से है। हालांकि कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी की अध्यक्षता में इन चुनावों में बड़ा उल्टफेर करने के सपने तो देख रही है लेकिन पटियाला में धरने पर बैठे एस.एस.ए./रमसा अध्यापक यूनियन पंजाब के अध्यापकों ने राजस्थान व म.प्र. में होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के विरुद्ध प्रचार करने का मन बना लिया है।

अपनी-अपनी जिद पर अड़े हैं प्रदर्शनकारी अध्यापक व सरकार
कम वेतन पर 3 वर्ष काम करने की शर्त पर रैगुलर करने के प्रस्ताव के विरोध में सांझा अध्यापक मोर्चा द्वारा किया जा रहा रोष प्रदर्शन व धरना  37वें दिन में प्रवेश कर गया है। सरकार अध्यापकों की मांगों को न मानने पर अड़ी है।अध्यापक भी अपनी मांगों को मनवाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं।

टीमें बनाकर भेजी जाएंगी राजस्थान व मध्य प्रदेश
एस.एस.ए./रमसा अध्यापक यूनियन के प्रांतीय अध्यक्ष हरदीप सिंह टोडरपुर व अन्य नेताओं ने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा उनकी मांगों को मानना तो एक तरफ वह उनकी मांगों को सुनने के लिए तैयार नहीं है, जो ङ्क्षनदनीय है। उन्होंने कहा कि अध्यापकों पर किया जा रहा अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और कानून के दायरे में रहते हुए अपना रोष प्रदर्शन जारी रखेंगे। उन्होंने बताया कि अब वह राजस्थान व म.प्र. में जाकर पंजाब की कांग्रेस सरकार द्वारा उनके साथ किए गए अन्याय के संबंध में प्रचार करेंगे। इस संबंध में उनके द्वारा रणनीति तैयार की जा रही है और जल्द ही एक विशेष टीम का गठन किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह किसी भी राजनीतिक पार्टी का समर्थन नहीं करेंगे और उनका यह विरोध किसी राजनीति से प्रेरित नहीं है। वह सिर्फ अपनी संवैधानिक मांगों व अधिकारों के संबंध में अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं।


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swetha

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