Kundli Tv- अगर लेना है किसी के CHARACTER का टेस्ट तो अपनाएं ये FORMULA

punjabkesari.in Wednesday, Oct 31, 2018 - 05:23 PM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (VIDEO)
हम रोज़ाना अपनी भागदौड़ भरी ज़िदंगी में बहुत लोगों से मिलते हैं जिनमें से कुछ के साथ हमारी बहुत अच्छी-खासी दोस्ती हो जाती है। हम बिना सोचे समझें इन्हें अपना मान लेते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि असल में हमारे आस-पास रहने वाले ये लोग कैसे होते हैं या उनका स्वभाव कैसा हो सकता है। अगर नहीं तो आइए आपको बताते हैं आचार्य चाणक्य नीति की एक नीति के बारे में जिसमें एक सटीक फॉर्मूला बताया गया, इससे आप अपने आस पास के लोगों के कैरेक्टर का टेस्ट ले सकते हैं। इस नीति में बताई गई बातों के आधार पर किसी स्त्री या पुरुष को परखेंगे तो व्यक्ति के संबंध में सही जानकारी प्राप्त की जा सकती है। आचार्य कहते हैं कि-
PunjabKesari
यथा चतुर्भि: कनकं परीक्ष्यते निघर्षणं छेदनतापताडनै:।
तथा चतुर्भि: पुरुषं परीक्ष्यते त्यागेन शीलेन गुणेन कर्मणा।।


इस श्लोक में चाणक्य कहते हैं स्वर्ण को परखने के लिए हमें चार काम करना चाहिए। ये चार काम हैं- सोने का रगड़ना चाहिए, काट कर देखना चाहिए, आग में तपा कर परखना चाहिए और सोने को पीट कर परख की जाती है। ये चार काम करने के बाद ही शुद्ध सोने की परख की जा सकती है। यदि सोने में मिलावट होगी तो इन चार कामों से वह सामने आ जाती है।

इन चार बातों से परखें
किसी भी व्यक्ति को परखने के लिए आचार्य चाणक्य ने चार बातें बताई हैं। इन बातों के आधार पर व्यक्ति की अच्छाई और बुराई सामने आ सकती है।
PunjabKesari
त्याग की भावना
किसी व्यक्ति भी को परखने के लिए सबसे पहले उसकी त्याग क्षमता देखनी चाहिए। यदि कोई व्यक्ति दूसरों के सुख के लिए खुद के सुख का त्याग कर सकता है तो वह नि:संदेह श्रेष्ठ व्यक्ति होता है। जिन लोगों में त्याग की भावना का अभाव होता है, वे कभी भी श्रेष्ठ इंसान नहीं बन पाते हैं। त्याग की भावना के बिना व्यक्ति किसी का भला नहीं कर पाता है।

चरित्र देखें 
व्यक्ति को परखने की प्रक्रिया में दूसरी बात है चरित्र देखना चाहिए। जिन लोगों का चरित्र बेदाग है यानी जो लोग बुराइयों से दूर रहते हैं और दूसरों के प्रति गलत भावनाएं नहीं रखते हैं, वे श्रेष्ठ होते हैं। यदि किसी व्यक्ति का चरित्र दूषित है और विचार पवित्र नहीं हैं तो उनसे दूर रहना चाहिए।
PunjabKesari
गुण देखें
परखने की प्रक्रिया में तीसरी बात है व्यक्ति के गुण देखना चाहिए। सामान्यत: सभी लोगों में कुछ गुण और कुछ अवगुण होते हैं, लेकिन जिन लोगों में अवगुण अधिक होते हैं, उनसे दूर रहना चाहिए। अवगुण यानी अधिक क्रोध करना, बात-बात पर झूठ बोलना, दूसरों का अपमान करना, अहंकार आदि। जिन लोगों में ऐसे अवगुण होते हैं, वे श्रेष्ठ इंसान नहीं माने जाते।
PunjabKesari
कर्म देखें
अंतिम बात यह है कि किसी व्यक्ति के कर्मों का भी अवलोकन करना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति गलत तरीके से धन अर्जित करता है या अधार्मिक काम करता है तो उन लोगों से दूर रहना श्रेष्ठ होता है। गलत काम करने वाला इंसान अपने आसपास रहने वाले लोगों पर भी बुरा असर डालता है। साथ ही, ऐसे लोगों की मित्रता के कारण हम भी फंस सकते हैं।
नवरात्र पूजन में कौनसा दीपक जलाएं घी या तेल का ?(VIDEO)


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Jyoti

Recommended News

Related News