कुंभ मेले को लेकर मेरे खिलाफ हो रहा है दुष्प्रचार: नरेन्द्र गिरी

punjabkesari.in Friday, Oct 19, 2018 - 12:40 PM (IST)

इलाहाबाद: साधु संतो की जानी मानी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने कुंभ मेले को लेकर उनके खिलाफ हो रहे कथित दुष्प्रचार को कुत्सित लोगों की संकीर्ण मानसिकता की उपज बताया। महंत गिरी ने बताया कि कुछ लोग व्हाट्सएप ग्रुप पर उनके पुराने बयान ‘अर्द्ध कुंभ को कुंभ नाम देने एवं कुंभ लोगो में संगम को नहीं दर्शाने’ पर नाराजगी बताने को अपडेट कर बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने इन बयानों का खंडन करते हुए कहा कि यह केवल कुंभ मेले को लेकर उन्हे बदनाम करने का दुष्प्रचार भर है।

उन्होंने कहा कि उनका यह बयान काफी पुराना है। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनकी मुलाकात हुई थी। मुख्यमंत्री ने ‘अर्द्ध कुंभ को कुंभ’ का नाम देने का पर्याय बताया था जिसके बाद परिषद के सभी संत संतुष्ट हो गए थे। उसके बाद से उन्होंने किसी प्रकार कुंभ को लेकर नकारात्मक बयान नहीं दिया। शनिवार को ‘मार्गदर्शक’ मंडल की बैठक में मुख्यमंत्री के साथ सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों ने शिरकत किया था। सभी ने उन्हें भव्य और दिव्य कुंभ संपन्न कराने में पूरा सहयोग का वचन दिया था।

अध्यक्ष ने कहा कि ‘दिव्य और भव्य’ कुंभ की संपन्नता होते देख कुछ लोग ईर्ष्या कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुंभ की संपन्नता के लिए अखाड़ा परिषद (सभी 13 अखाड़ों के महात्मा) हर संभव प्रयास करेंगे। कुंभ विश्व का सबसे बड़ा सांस्कृतिक और आध्यत्मिक मेला है। केन्द्र और प्रदेश सरकार के ‘दिव्य और भव्य’ को साकार करने ने हम सब को योगदान देना चाहिए। देश-विदेश से आने वाले करोड़ों श्रद्धालु और पर्यटकों के मन मस्तिष्क में जीवन पर्यन्त इसकी भव्यतम दिव्य आभा साकार रहे।

उन्होंने बताया कि ईर्ष्या एक नैतिक दुर्गुण है। यह व्यक्ति की हीनता एवं अशक्तता व्यक्त करता है। जिन लोगों को अपनी शक्ति का अनुमान नहीं होता, अपने जीवन के बहुमूल्य क्षणों को यों ही बर्बाद किया करते हैं, प्राय: वे ही इस रोग के शिकार होते हैं। महंत ने ऐसे लोगों को अच्छी सोच के साथ शक्ति को सकारात्मक दिशा में लगाने की नसीहत दी। भलाई की दिशा में उठाए गए कदम से मनमस्तिष्क में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।


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Anil Kapoor

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