टैक्नोमैक कंपनी घोटाला : सी.आई.डी. जांच में खुलने लगी परतें

punjabkesari.in Thursday, Oct 18, 2018 - 11:27 PM (IST)

शिमला (राक्टा): इंडियन टैक्नोमैक कंपनी के कर्ताधत्र्ताओं ने करोड़ोंरु पए के घोटाले को अंजाम देने का ताना-बाना कई वर्ष पूर्व ही बुन लिया था। जांच में सामने आया है कि फर्जी बिलों और दस्तावेजों के आधार पर कंपनी ने करोड़ों रु पए के घोटाले को अंजाम दिया। कंपनी के नाम पर बैंकों से करोड़ों का लोन फर्जी उत्पादन के सहारे ही लिया गया। कंपनी ने टैक्स तक भी नहीं चुकाया। सूत्रों के अनुसार जांच में ऐसे कई तथ्य उभर कर सामने आए हैं, जिससे आगामी दिनों में कई सरकारी मुलाजिमों की भी दिक्क तें बढ़ सकती हैं। इस मामले में अब तक करीब 5 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, जबकि कई लोग सी.बी.आई. जांच दायरे में चल रहे हैं।  सी.आई.डी. ने कंपनी के दिल्ली स्थित कार्यालय से भी कुछ दस्तावेज कब्जे में लिए हैं।

फोरैंसिक लैब से रिपोर्ट मिलने का इंतजार
सूत्रों के अनुसार इस मामले में जांच एजैंसी को फोरैंसिक लैब से भी रिपोर्ट मिलने का भी इंतजार है। वर्ष 2014 में कर चोरी का मामला सामने आने के बाद से टैक्नोमैक कंपनी के प्रबंधन से जुड़े कुछ अधिकारी फरार चल रहे हैं। मामले की जांच के अंतर्गत कुछ बैंकों से भी रिकार्ड लिया गया है, ताकि पता लगाया जा सके कि आखिर किस तरह कंपनी करोड़ोंरुपएका कर्ज लेने में कामयाब हुई।

कंपनियों की जुटाई जा रही जानकारी
सी.आई.डी. को छानबीन के दौरान कई कंपनियों के फर्जी बिल और दस्तावेज हाथ लगे हैं। ऐसे में संबंधित कंपनियों के बारे में भी जानकारियां जुटाई जा रही हैं, ताकि पता लगाया जा सके कि कहीं उनकी भी उक्त  घोटाले से कोई संलिप्तता तो नहीं है।

होता रहा फर्जीवाड़ा, भनक तक नहीं लगी
कंपनी कई सालों तक फर्जीवाड़ा करती रही, जबकि सरकारी महकमों को इसकी भनक तक नहीं लगी। जांच में खुलासा हुआ है कि कई सुबूतों को फैक्टरी के अंदर ही नष्ट करने के प्रयास हुए। सी.आई.डी. ने कंपनी के घोटाले को लेकर 2 मामले दर्ज किए हैं।


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Vijay

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