बौद्ध भिक्षुओं लिए दिसंबर में ट्रैक पर दौड़गी स्पेशल ट्रेन, 4 धार्मिक स्थलों की कराएगी यात्रा

punjabkesari.in Wednesday, Oct 17, 2018 - 06:24 PM (IST)

कपूरथला।  अतुल्य भारत में रेल कोच फैक्टरी कपूरथला ने बुद्धिस्ट सर्किट टूरिस्ट ट्रेन का निर्माण करके अपनी सहभागिता डाली है। संसार भर के बौद्ध भिक्षुओं को भारत में महात्मा बुद्ध के जीवन से संबंधित चार स्थलों की सैर करवाने में यह स्पेशल ट्रेन मील का पत्थर साबित होगी। कपूरथला की रेल कोच फैक्टरी को पहली बार टूरिज्म प्वाइंट ऑफ व्यू से स्पेशल टूरिस्ट ट्रेन का मौका मिला है। 12 कोच वाले इस रैक में सात एसी कोच, दो डाइनिंग, एक पेंट्री और दो पावर कोच शामिल हैं। अनुमानित ढाई से तीन करोड़ के बीच बनने वाले प्रति कोच में अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं मुहैया करवाई गई हैं।

31 अक्टूबर तक आईआरसीटीसीएल को सौंप दी जाएगी

31 अक्टूबर तक रैक भारतीय रेलवे खानपान व पर्यटन निगम लिमिटेड (आईआरसीटीसीएल) को सौंप दिए जाने की उम्मीद है। दिसंबर-2018 से इस ट्रेन के माध्यम से दुनिया भर के बौद्ध तीर्थयात्री और बौद्ध भिक्षु महात्मा बुद्ध से जुड़े स्थलों के दर्शन का लाभ उठा सकेंगे। इन कोच के निर्माण का जायजा लेने के लिए रेलवे बोर्ड में मेंबर रोलिंग स्टॉक राजेश अग्रवाल अपनी नियुक्ति के बाद पहली बार आरसीएफ कपूरथला पहुंचे और उन्होंने कोच के निर्माण का निरीक्षण किया। उम्मीद जताई जा रही है कि यह ट्रेन जापान, चीन, थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया समेत एशिया में बौद्ध भिक्षुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनी है। यह भी बताया जा रहा है कि बौद्ध दर्शनीय स्थलों की सैर करवाने वाली बुद्धिस्ट ट्रेन दुनिया की पहली ऐसी ट्रेन होंगी, जो महात्मा बुद्ध के जीवन में अहम स्थान रखने वाले बौद्ध विहार, बोधगया, सारनाथ और कुशीनगर के अलावा अन्य स्थानों तक ले जाएगी।

दुनिया के बौद्ध भिक्षुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र होगी यह ट्रेन

मेंबर रोलिंग स्टॉक राजेश अग्रवाल ने कहा कि दुनिया के बौद्ध भिक्षुओं के लिए यह ट्रेन विशेष आकर्षण का केंद्र होगी। इसके निर्माण में अनुमानित लागत से 10 से 20 प्रतिशत का अधिक खर्च आने की संभावना है। दिसंबर से यह ट्रैक पर दौड़ती नजर आएगी। फेयर के संदर्भ में कहा कि इसका निर्णय आईआरसीटीसीएल की ओर से निर्धारित किया जाएगा। वैसे, ट्रेन में सीसीटीवी की सुविधा के अलावा पर्यटकों के कीमतों सामान की सुरक्षा के लिए हर सीट पर दो डिजिटल लॉकर मुहैया करवाए गए हैं। इसमें एयर सस्पेंशन का इस्तेमाल हुआ है, जिससे पर्यटकों का भार बढ़ने पर बोगी हिचकोले नहीं खाएगी। 200 किमी स्पीड वाले तेजस कोच कुछ खामियों के चलते आरसीएफ को वापस भेजे जाने को मेंबर रोलिंग स्टॉक ने सिरे से खारिज करते हुए कहा कि पीआरओ दिल्ली की ओर से गलत सूचना दी गई। ऐसा कुछ नहीं हुआ है। आरसीएफ के उत्पादन में कमी को भी उन्होंने सिरे से नकारते हुए कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। 


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Suraj Thakur

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