पंजाब के पानी में बढ़ता यूरेनियम, कैंसर जैसी घातक बीमारियों की चपेट में लोग

punjabkesari.in Wednesday, Oct 17, 2018 - 02:51 PM (IST)

जालंधर।पंजाब में कैप्टन अमरिंदर की सरकार कई समस्याओं से घिरी हुई है। सूबे में समस्याओं की फेहरिस्त इतनी लंबी हो चुकी है कि सरकार किसी एक समस्या को भी जड़ से खत्म नहीं कर पा रही है। ड्रग्स को चार हफ्ते में पंजाब से खत्म करने के सरकार के दावे भी फिलहाल ठंडे बस्ते में ही पड़े हुए हैं। इसकी एक वजह यह भी है कि बरगाड़ी  और बहबल कलां जैसे मुद्दे को लेकर विपक्ष ने सरकार के नाक में दम कर रखा है। यही नहीं पंजाब में पराली जलाने को लेकर भी सरकार को एनजीटी कई बार फटकार लगा चुका है। इस सब के चलते पंजाब सरकार पानी में बढ़ते हुए यूरेनियम की मात्रा के बारे में तो सोच ही नहीं पा रही है। पानी में यूरेनियम की मात्रा अधिक होने के कारण लोग कैंसर जेसी घातक बीमारियों का शिकार हो रहें हैं।

यूरेनियम को लेकर ऐसा नहीं है कि इस विषय पर कोई शोध नहीं किया गया हो। एक अध्ययन के अनुसार मानसा जिला में मिट्टी के नमूनों में भी यूरेनियम, रेडियम, थोरियम और पोटेशियम की मात्रा काफी अधिक पाई गई थी है। कुछ विशेषज्ञ ऐसा भी मानते हैं कि है कि भटिंडा इलाके की तोशाम पहाड़ियों से आ रही मिट्टी के कारण यूरेनियम की मात्रा बढ़ रही है। पंजाब में आने जाने वाली सरकारें इस मसले पर कभी गंभीर नहीं रहीं। कुछ साल पहले स्पेशल बच्चों के लिए काम कर रही बाबा फरीद सेंटर फॉर स्पेशल चिल्ड्रन संस्था पंजाब के ग्राउंड वॉटर में यूरेनियम को लेकर जिला बठिंडा, फरीदकोट, मानसा और मुक्तसर में हुई जांच में यूरेनियम की अधिकतम मात्रा 644 पीपीबी पाई गई थी। जर्मनी की माइक्रो ट्रेस मिनेरल लैब की एक रिपोर्ट के मुताबिक शोध किये गए लगभग 150 बच्चों के बालों में 82 से लेकर 87 प्रतिशत तक यूरेनियम पाया गया है।

 


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Suraj Thakur

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