अयोध्या विवाद: बड़ी पीठ को नहीं जाएगा मामला, 29 अक्टूबर से शुरू होगी सुनवाई

punjabkesari.in Thursday, Sep 27, 2018 - 09:46 AM (IST)

अयोध्या: मस्जिद में नमाज पढ़ने के मामले पर फैसला सुनाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने आयोध्या केस की सुनवाई 29 अक्टूबर को करने का फैसला सुनाया है। कोर्ट का कहना है कि अब 29 अक्टूबर से आयोध्या केस की रोज सुनवाई होगी। आज का फैसला 2:1 जजों का था। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा और भूषण एक साथ थे जबिक तीसरे जज नजीर ने अपनी अलग राय दी। इसी बीच याचिका दायर करने वाले जलानी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और कहा कि अब मुख्य फैसले की सुनवाई पर गौर करेंगे।

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उच्चतम न्यायालय ने ‘मस्जिद इस्लाम का अभिन्न अंग है या नहीं’ के बारे में शीर्ष अदालत के 1994 के फैसले को फिर से विचार के लिए 5 सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेजने से गुरुवार को इनकार कर दिया। यह मुद्दा अयोध्या भूमि विवाद की सुनवाई के दौरान उठा था। बता दें कि नमाज मामले के फैसले का आयोध्या मामले पर कोई असर नहीं पढ़ने वाला है। सुप्रीम कोर्ट की नई जजों की बेंच इसपर सुनवाई करेगी।

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वर्तमान में यह मुद्दा उस वक्त उठा जब प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली 3 सदस्यीय खंडपीठ अयोध्या मामले में 2010 के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। अदालत ने राम जन्म्भूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद पर अपने फैसले में जमीन को 3 हिस्से में बांट दिया था। अदालत की 3 सदस्यीय पीठ ने 2:1 के बहुमत वाले फैसले में कहा था कि 2.77 एकड़ जमीन को तीनों पक्षों सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लल्ला में बराबर-बराबर बांट दिया जाए। 

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न्यायमूर्ति अशोक भूषण ने अपनी और प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की ओर से फैसला सुनाते हुए कहा कि मौजूदा मामले में 1994 का फैसला प्रासंगिक नहीं है क्योंकि उक्त निर्णय भूमि अधिग्रहण के संबंध में सुनाया गया था। हालांकि, इस खंडपीठ के तीसरे न्यायाधीश एस अब्दुल नजीर बहुमत के फैसले से सहमत नहीं थे।  उच्च न्यायालय के सितंबर, 2010 के फैसले के खिलाफ दायर अपीलों पर अब 29 अक्तूबर को आगे सुनवाई होगी।


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