Landslide का दंश झेल रहे कश्मीरी व पक्काटाला वासी, इन धरोहरों के विलुप्त होने का बढ़ा खतरा

punjabkesari.in Monday, Sep 24, 2018 - 09:47 AM (IST)

 

चम्बा : वक्त गुजरता जा रहा है लेकिन चम्बा जिला के चौगान वार्ड के अधीन कश्मीरी व पक्काटाला वासियों को भू-स्खलन से निजात दिलवाने वाला कोई नहीं मिल पा रहा है। शहर में हल्की-सी बारिश भी वार्ड के लोगों की रातों की नींद को गुम कर देती है जबकि अपनी स्थापना के 1,000 वर्ष पूरे कर चुके चम्बा शहर के एक मुहाने पर भू-स्खलन के रूप में खड़ी आफत लंबे अर्से बाद भी नहीं टल पाई है।

लोगों को मकान छोड़ सुरक्षित स्थान पर रहने के निर्देश
वर्ष 1971 में चौगान वार्ड में भू-स्खलन का दौर शुरू हुआ जिसकी चपेट में वार्ड के कई मकान आने सहित भूमि का एक बड़ा हिस्सा आ गया जिसे देख तत्काल राजनेताओं व जिला प्रशासन ने वार्ड का सर्वेक्षण करवाकर इसे संवेदनशील घोषित कर दिया। वहीं डाकघर-संग्रहालय मार्ग पर भीतर के भाग तक खतरे का निशान तक अंकित किया गया। यहां उस दौरान हुए भारी भू-स्खलन को देखते हुए वार्डवासियों को मकान छोड़ सुरक्षित स्थान पर रहने के निर्देश भी दिए गए लेकिन आवास अवस्था न हो पाने के चलते भू-स्खलन प्वाइंट के नजदीक रहने वाले वार्डवासी वहीं रहे जबकि प्रशासन, नगर परिषद व लो.नि.वि. तक ने अलग-अलग समय पर भू-स्खलन के प्रति नाममात्र कदम उठाते हुए हल्की बै्रस्ट वाल व जाली लगाने के अतिरिक्त आज दिन तक कोई कार्य नहीं किया जबकि पिछले 47 वर्षों से लगातार सूखे व बारिश के दिनों में वार्ड कश्मीरी यानी चौगान वार्ड नं.-2 में भूमि कटाव का दौर जारी है। वहीं गत 6 से 7 सालों में पक्काटाला मोहल्ला भी भू-स्खलन की चपेट में आ गया है।

कई वर्षों से लगा रहे गुहार पर नहीं हो रहा उद्धार  
गान वार्ड के अधीन मोहल्ला कश्मीरी व पक्काटाला के स्थानीय लोगों परवेज, सुरेश महाजन, उमेश, संजीव, विशाल, रमेश चंद, नसीब, राजी, अनूप कुमार, केशव कुमार, विक्की, दलीप, अनुज, नैंसी, रजनीश, सैम, जॉन मसीह, प्रवीण, प्रिया, गायत्री, रमा व ऊषा का कहना है कि वार्ड के साथ हो रहे भू-स्खलन को रोकने के लिए प्रशासन और नेता आश्वासनों के सिवाय कुछ नहीं कर पाए हैं जबकि जब भी बारिश होती है तो भू-स्खलन मोहल्ले में होना आम बात हो गई है जिस कारण रातें जाग कर काटनी पड़ती हैं। भू-स्खलन का दंश झेलने सहित कई लोग तो पहाड़ी दरकने का शिकार तक हो चुके हैं। गनीमत है कि अब तक किसी की जान नहीं गई है।

भू-स्खलन से निजी सम्पत्ति सहित ये धरोहरें हो सकती हैं विलुप्त 
चौगान वार्ड में कई धरोहरें भी विलुप्त हो सकती हैं। इनमें ऐतिहासिक चौगान, बाबा श्रीचंद गुरुद्वारा, अग्निशमन केंद्र, जिलाधीश आवास, भूरी सिंह संग्रहालय व श्याम सिंह चिकित्सालय भवन आदि सहित कई निजी मकान एवं बाजार का क्षेत्र शामिल है।


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kirti

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