चम्बा में चिकित्सालय का भी वजूद खो गया, 72 घंटों में 21 मरीज हुए रैफर

punjabkesari.in Saturday, Sep 22, 2018 - 11:10 AM (IST)

चम्बा : बेशक क्षेत्रीय चिकित्सालय चम्बा का दर्जा बढ़कर मैडीकल कालेज हो गया हो लेकिन अभी जिला रोगियों को पूर्ण उपचार सुविधाएं नसीब नहीं हो रही है। तमाम एम.बी.बी.एस चिकित्सकों से लेकर विशेषज्ञों की फौज खड़ी होने व हर तकनीकी सहायक सहित अब नर्सों की पर्याप्त संख्या के बावजूद व्यवहार में बदलाव आया लेकिन एडवांस उपचार सुविधाएं अभी यहां न के बराबर ही है।

इसके चलते आए दिन यहां के रोगी आई.जी.एम.सी. शिमला व टी.एम.सी. कांगड़ा के लिए रेैफर हो रहे हैं। जिसकी वजह से लोगों का सरकार व मैडीकल प्रबंधन के विरुद्ध काफी रोष है। पंडित जवाहरलाल नेहरू  राजकीय मैडीकल कालेज एवं चिकित्सालय चम्बा का नाम जितना पढ़ने व सुनने में बेहतरीन लगता है उतनी बेहतरीन यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था अभी नहीं हो पाई है। पिछले 72 घंटों में उपचार अभाव के चलते 21 रोगियों को यहां से बाहर रैफर होना अपने में ही एक बड़ा सवाल है। चिकित्सालय में मुख्य मैडीकल सुविधाओं व विशेषज्ञ का अभाव बरकरार है, जिसमें हृदय रोग के लिए चिकित्सक तो हंै लेकिन उपचार संबंधी न तकनीक और न ही पूरी टीम विद्यमान है। यह ही हाल कैंसर रोग का भी है।

सामान्य कैंसर रोगियों के उपचार के लिए कीमोथै्रपी तो है लेकिन इसका भी आगामी एवं एडवांस उपचार नहीं है। दुर्घटनाओं में सबसे अहम न्यूरो सर्जन यहां मौजूद नहीं है। गायनी रोग संबंधी एंटीसैप्टिक गर्भवती महिलाओं की डिलवरी की कोई व्यवस्था नहीं, न वार्ड और न ही विशेष प्रसूति कक्ष मौजूद है। जहां ऐसी महिलाओं की डिलवरी व उनकी केयर की जा सके। बीते 72  घंटों में टांडा रैफर हुए रोगियों में पहली मंजिल गायनी विभाग से छह असामान्य गर्भवती महिलाएं टांडा रैफर, दूसरी मंजिल शिशु वार्ड से एक ३ माह का शिशु मस्तिष्क में सूजन के कारण रैफर (परामर्शं), तीसरी मंजिल हड्डी, सर्जरी वार्ड से 11 रोगियों को सिर और अन्य अंगों में गंभीर चोटें आने पर रैफर तो साथ ही एक हृदय, एक सी.ए. व एक डेंगू रोग से ग्रस्त मरीजों को भी एडवांस उपचार के लिए रैफर करना पड़ा।


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kirti

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