9 माह बीते, नहीं रुकी प्राइवेट स्कूलों की मनमानी

punjabkesari.in Thursday, Sep 20, 2018 - 01:57 PM (IST)

शिमला (प्रीति मुकुल): प्रदेश सरकार 9 महीने के बाद भी प्राइवेट स्कूलों की मनमानी को रोकने के लिए कोई एक्ट नहीं ला पाई है, जबकि सरकार ने सत्ता में आते ही इन स्कूलों पर शिकंजा कसने का ऐलान किया था। इस दौरान सरकार ने स्कूलों को रैगुलेटरी कमीशन के दायरे में लाने की बात कही थी और शिक्षा अधिकारियों को इसके लिए ड्राफ्ट बनाने के निर्देश भी दिए थे, लेकिन इतना समय बीतने के बाद भी अभी तक यह मामला ठंडे बस्ते में ही है। न ही इस मामले में सरकार का ड्राफ्ट बना और न ही निजी स्कूल रैगुलेटरी कमीशन के दायरे में लाए गए। ऐसा लगता है कि सरकार इन स्कूलों पर कार्रवाई करने से डर रही है, जबकि शिक्षा मंत्री ने स्वयं इन स्कूलों पर कंट्रोल रखने के लिए एक्ट बनाने की बात कही थी। शिक्षा मंत्री के बयान के बाद लोगों में उम्मीद जगी थी कि अब इन स्कूलों का कंट्रोल सरकार के पास होगा, लेकिन सरकार की इस सुस्त प्रणाली को देख अब लोगों की इस उम्मीद पर भी पानी फि र गया है।  

प्राइवेट स्कूलों के लिए दूसरे राज्यों में बना है एक्ट 
दूसरे राज्यों ने निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए एक्ट बनाया है। इसके तहत स्कूल हर साल 5 से 7 फीसदी ही फीस बढ़ा सकते हैं, लेकिन इससे पूर्व स्कूलों को प्रदेश सरकार को अवगत करवाना पड़ता है। हालांकि प्रदेश में हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त स्कूलों पर तो सरकार ने कुछेक नियम तय किए हैं, लेकिन सी.बी.एस.ई. और आई.सी.एस.ई. स्कूलों पर सरकार का कोई कंट्रोल नहीं है।

राइट टू एजुकेशन के नियमों को खंगालने में जुटे अधिकारी
प्रदेश में निजी स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है। इसको लेकर विभाग के अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं। इस दौरान राइट टू एजुकेशन के नियमों को भी खंगाला जा रहा है। इन नियमों में देखा जा रहा है कि कैसे निजी स्कूलों पर कं ट्रोल रखा जा सकता है। प्रदेश सरकार इस मामले पर गंभीर है। निजी स्कूलों के लिए कड़े कानून बनाए जाएंगे।

सरकार ने बीते फरवरी के बजट सत्र में दिया था एक्ट लाने का आश्वासन, अब मानसून सत्र भी चला गया
शिक्षा मंत्री ने निजी स्कूलों की फीस पर लगाम लगाने के लिए लोगों को आश्वस्त किया था कि बीते फरवरी के बजट सत्र में इस संबंध में एक्ट लाया जाएगा, लेकिन अब तो मानसून सत्र भी चला गया है। इस दौरान सरकार की ओर से ऐसा कोई भी एक्ट नहीं लाया गया, जिसके तहत निजी स्कूलों पर सरकार का कोई कंट्रोल हो।  
 
 


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Ekta

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