हिमाचल की सबसे बड़ी 125 करोड़ की को-ऑप्रेटिव सोसायटी का खजाना खाली

punjabkesari.in Wednesday, Sep 19, 2018 - 02:57 PM (IST)

बड़सर (रजनीश): प्रदेश की सबसे बड़ी को-आप्रेटिव सोसायटी का दावा करने वाली तलाई ग्राम सेवा सहकारी सभा का खजाना खाली होने से वित्तीय संकट पैदा हो गया है। करीब 125 करोड़ से अधिक की वर्किंग कैपिटल वाली इस को-आप्रेटिव सोसायटी में आलम यह है कि सोसायटी के पास लोगों के जमा पैसे को भी लौटाने के लाले पड़ गए हैं। स्थिति यह बन चुकी है कि जिला बिलासपुर के शाहतलाई में स्थित इस सोसायटी में अपनी जमा पूंजी लेने के लिए रोजाना सैकड़ों की तादाद में लोग पहुंच रहे हैं लेकिन डिमांड के अनुरूप पैसा देने में सोसायटी प्रबंधकों ने हाथ खड़े कर दिए हैं। यह स्थिति पिछले एक महीने से भी ज्यादा समय से बनी हुई है जिसके तहत जिस व्यक्ति के लाखों रुपए जमा हैं सोसायटी उन्हें मात्र 5 से 10 हजार रुपए ही अदा कर रही है। हालत इतनी बिगड़ गई है कि सोसायटी में अपनी जमा पूंजी निकलवाने के लिए आए कई लोग खाली हाथ लौटाए जा रहे हैं।

सोमवार को भी ऐसी स्थिति बनी जब 7 सितम्बर को पैसे निकलवाने आए करीब 300 लोगों को मात्र 2500-2500 रुपए ही मिल पाए थे तथा बाकी पैसे लेने के लिए सोसायटी प्रबंधकों ने उन्हें 17 सितम्बर की तारीख दी लेकिन जब लोग सोमवार को पैसे निकलवाने आए तो अधिकांश लोगों को सोसायटी प्रबंधकों ने खाली हाथ लौटाते हुए उन्हें 3 अक्तूबर की अगली तारीख दे डाली जिस पर लोगों ने सोसायटी कार्यालय में खूब हो-हल्ला किया। करीब 125 करोड़ की वर्किंग कैपिटल बाली इस सोसायटी में पैदा हुए घोर वित्तीय संकट से अब लोगों को अपनी गाढ़ी कमाई से जमा करवाई गई पूंजी के डूबने की चिंता सताने लगी है जिससे परेशान लोगों ने मुख्यमंत्री कार्यालय सहित विभाग के उच्चाधिकारियों को शिकायत पत्र भेजा है।

सोसायटी का ऑडिट शुरू: रमेश
इस संदर्भ में सहायक पंजीयक अधिकारी बिलासपुर रमेश शर्मा का कहना है कि को-आप्रेटिव सोसायटी तलाई में लोन की रिकवरी न होने के कारण लोगों की जमा पूंजी को डिमांड के मुताबिक लौटाने के लिए पैसा नहीं है। यह स्थिति सोसायटी द्वारा अंधाधुंध लोन बाटंने के कारण पैदा हुई है। विभाग इस पूरे मामले में नजर रखे हुए है तथा इस सोसायटी का पूरा ऑडिट शुरू कर दिया गया है लेकिन फिलहाल सोसायटी घोर वित्तीय संकट में है। 

ऐसे पैदा हुआ आर्थिक संकट
मिली जानकारी के मुताबिक लगभग 125 करोड़ रुपए की वर्किंग कैपिटल वाली इस सोसायटी ने क्षमता से अधिक ऋण बांट दिए हैं। विभाग ने बताया कि करीब 90 करोड़ के लोन सोसायटी ने बांट दिए हैं जिनसे समय पर रिकवरी न होने के कारण इस सोसायटी के पास अब लोगों के जमा पैसे लौटाने के लिए कैश नहीं बचा है। आरोप हैं कि सोसायटी ने ऋण बांटने में अनियमितताएं बरतते हुए मनमानी से लोन बांट दिए जिनसे अब पैसे वापस नहीं मिल रहे हैं। सोसायटी प्रबंधकों द्वारा लोगों की गाढ़ी कमाई वाली जमा पूंजी को लोन के रूप में अंधाधुंध बांटने का खमियाजा अब आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है जिनको अपने ही पैसे वापस लेने के लिए रोज सोसायटी कार्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे हैं लेकिन इसके बावजूद भी जिस व्यक्ति के लाखों रुपए सोसायटी के पास जमा हैं, उन्हें मात्र 5-7 हजार रुपए ही थमाए जा रहे हैं। हालांकि सोसायटी व विभाग के अधिकारी लोन लेने वाले से रिकवरी करने के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए हैं लेकिन ऋण बांटने के दौरान जो अनियमितताएं बरती गई हैं, उनकी वजह से सोसायटी का करीब 90 करोड़ रुपए फंसा है।


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Ekta

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