GST 12 फीसदी बढ़ाने का ठेकेदारों ने किया विरोध

punjabkesari.in Wednesday, Sep 19, 2018 - 10:28 AM (IST)

धर्मशाला (पूजा): सरकार द्वारा जी.एस.टी. 12 फीसदी बढ़ाने व ठेकेदारों को लेबर क्रेडिट के न मिलने का जिला के ठेकेदारों ने विरोध व्यक्त किया है। विरोध व्यक्त करते हुए ठेकेदार यूनियन जिला कांगड़ा के अध्यक्ष कुलदीप ठाकुर ने बताया कि पहले ठेकेदारों द्वारा किए गए कार्य के कुल मूल्य पर 5 प्रतिशत जी.एस.टी. वसूली जाती थी, लेकिन अब यह दर बढ़ाकर 12 फीसदी कर दी गई है। साथ ही पहले जो ठेकेदारों को लेबर के्रडिट 25 प्रतिशत मिल रहा था वह भी अब नहीं मिल रहा है। कुलदीप कुमार ने बताया कि वर्तमान में जिला के ठेकेदारों को कार्य करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जिसके चलते ठेकेदार यूनियन जिला कांगड़ा ने मंगलवार को मुख्य अभियंता लो.नि.वि. कांगड़ा जोन के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भेजा है। 

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री को भेजे गए ज्ञापन में जिला के ठेकेदारों ने मांग की गई है कि प्रदेश के ठेकेदारों से किए गए कार्य पर पहले की तरह ही 5 फीसदी जी.एस.टी वसूली जाए। इसके अतिरिक्त ठेकेदारों ने यह भी मांग रखी कि खनन के संबंध में सरकार को उचित नीति बनाने की आवश्यकता है। एक तरफ  तो जिसने खनन करना है सरकार उससे भी रॉयल्टी ले रही है वहीं जब ठेकेदार मैटिरियल लेकर आते हैं तो उस पर भी रॉयल्टी वसूल की जा रही है। सरकार की दोहरी रॉयल्टी वसूलने की नीति से ठेकेदारों को सीधा नुक्सान पहुंच रहा है। 

उन्होंने बताया कि ठेकेदार पूरा बिल लेकर गाडिय़ों में रेत बजरी ढोने का काम करते हैं, लेकिन उस बिल की कोई अहमियत नहीं है और ट्रकों के 25-25 हजार रुपए की चालान किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री को भेजे गए मांग पत्र में ठेकेदारों ने बताया कि यदि सरकार हमारी मांगों को लेकर कोई सही फैसला नहीं लेती है, तो प्रदेशभर के ठेकेदार अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी। इस मौके पर जिला के समस्त ठेकेदार मुख्य रूप से उपस्थित रहे। 

अधिकत्तर ठेकेदारों के पास नहीं स्थाई लेबर
अध्यक्ष कुलदीप ठाकुर ने बताया कि सरकार ने अब ई.पी.एफ .के रूप में एक नई मुसीबत ठेकेदारों पर थोप दी है। उन्होंने बताया कि अधिकतर ठेकेदारों के पास स्थाई लेबर नहीं है तो ऐसे में वह किसके खाते खोलें और किसे पेमेंट देंगे। वहीं सरकारी विभागों में स्टाफ  की कमी के चलते उनके कार्यों के बिल 6 माह तक भी तैयार नहीं होते हैं। एक बार पेमेंट का सर्कल बिगड़ जाए तो ठेकेदार कुछ भी करने में असमर्थ हो रहे हैं। ठेकेदारों का यह भी कहना है कि सरकार ने कार्य पूरा होने पर ठेकेदारों पर एक फीसदी टैक्स और अनिवार्य कर दिया है, जिससे कि ठेकेदारों को सीधा नुक्सान ही पहुंच रहा है। यूनियन ने मांग की है कि सरकार जल्दी उनकी मांगों को पूरा करे।


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Ekta

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