बांदाः इमाम हुसैन की शहादत को किया याद, मातम कर निकाला जुलूस

punjabkesari.in Tuesday, Sep 18, 2018 - 06:54 PM (IST)

बांदा(जफर अहमद): धर्म व सच्चाई के खातिर अपने पूरे घराने की कुर्बानी देने वाले पैगंबर के नवासे इमाम हुसैन की याद में मुहर्रम की सातवीं तारीख पर अकीदतमंदों की भीड़ सड़कों पर उमड़ पड़ी। आधा दर्जन से अधिक ताजिए के जुलूस शहर के अलग-अलग रास्तों में घूमें। शिया हाजरात का मातमी जुलूस अलम के साथ पूर्वी कोठी से उठाया गया।

मुहर्रम की सातवीं सब पर इमामबाड़ों मर्दननाका से अलम निकाला गया। जो जामा मस्जिद, अमर टाकीज, कोतवाली होता हुआ पीरू रामा के इमामबाड़े में समाप्त हुआ। बलखंडीनाका, अर्दली बाजार से अलम नगर पालिका होते हुए कटरा, क्योटरा से इमामबाड़े पहुंचा। सातवीं मोहर्रम को इमाम हुसैन व उनके साथियों व घर वालों का यजीदियों ने पानी बंद कर दिया था। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जुलूस शहर के मनोहरीगंज, शंकरगुरू चौराहा, गुरहाकुआं, छावनी, अमरटाकीज आदि क्षेत्रों में घूमे।

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शिया हजरात का मातमी जुलूस अलम के साथ पूर्वी कोठी से उठकर पदमाकर चौराहा, जीजीआईसी, छावनी चौराहा, मयूर टाकीज, अमर टाकीज चौराहा, जामा मस्जिद, अलीगंज से मरहूम गुलाब मेंहदी के इमाम बाड़े में पहुंचा। यहां से जिला परिषद होते हुए डीएवी कॉलेज, मनोहरीगंज में पहुंचा। बड़ी संख्या में लोग रसूल के नवासे व शहीद साथियों की याद में खिराजे अकीदत पेश कर रहे थे। 

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इस दौरान मौलाना वसीम रिजवी ने मजलिस में कहा कि इमाम की शहादत में पूरी दुनिया के लोगों को सरबुलंदी अता कर दी। मुहर्रम के जुलूस में हिंदू-मुस्लिम एकता की झलक हर जगह दिखाई पड़ी। जगह-जगह लंगर बांटे गये। आंसुओं इमाम हुसैन व शहीदों को नजराना दिया गया। मजलिस में कहा कि इमाम की शहादत ने पूरी दुनिया के लोगों को सरबुलंदी अदा कर दी। मुहर्रम के जुलूस में हिंदू-मुस्लिम एकता की झलक हर जगह दिखाई पड़ी। जगह-जगह लंगर बांटे गये। आंसुओं से इमाम हुसैन व शहीदों को नजराना दिया गया।
 


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