Kundli Tv- इन लोगों के लिए ज़हर समान होती है ये चीज़

punjabkesari.in Tuesday, Sep 04, 2018 - 02:33 PM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (देखें Video)
आचार्य चाणक्य एक महान विद्वान थे, उनकी नीतियों के बल पर आज भी व्यक्ति जीत हासिल कर सकता है। इन्होंने नीतियों के अलावा भी बहुत सी बातें बताई गई जिससे व्यक्ति को बहुत कुछ जानने और सीखने को मिलता है। तो आइए जानते हैं इनके द्वारा बताई गई कुछ बातें। 
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बिना पुत्र के घर सुना है। बिना बंधु-बांधवों के दिशाएं सुनी है। मूर्ख का ह्रदय भावों से सूना है। दरिद्रता सबसे सूनी है, अर्थात दरिद्रता का जीवन महाकष्टकारक है।

बार-बार अभ्यास न करने से विद्या विष बन जाती है। बिना पचा भोजन विष बन जाता है, दरिद्र के लिए स्वजनों की सभा या साथ वृद्धों के लिए युवा स्त्री विष के समान होती है।
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दयाहीन धर्म को छोड़ दो, विद्या हीन गुरु को छोड़ दो, झगड़ालू और क्रोधी स्त्री को छोड़ दो और स्नेबंधु-बान्धवों को छोड़ दो।

बहुत ज्यादा पैदल चलना मनुष्यों को बुढ़ापा ला देता है घोड़ों को एक ही स्थान बांधें रखना और स्त्रियों के साथ पुरुष का समागम न होना और वस्त्रों को लगातार धुप में डाले रखने से बुढ़ापा आ जाता है।
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बुद्धिमान व्यक्ति को बार-बार यह सोचना चाहिए कि हमारे मित्र कितने है, हमारा समय कैसा है- अच्छा है या बुरा और यदि बुरा है तो उसे अच्छा कैसे बनाया जाए। हमारा निवास-स्थान कैसा है (सुखद,अनुकूल अथवा विपरीत), हमारी आय कितनी है और व्यय कितना है, मै कौन हूं- आत्मा हूं, अथवा शरीर, स्वाधीन हूं अथवा पराधीन तथा मेरी शक्ति कितनी है।

जन्म देने वाला पिता, उपनयन संस्कार कराने वाला, विध्या देने वाला गुरु, अन्नदाता और भय से रक्षा करने वाला—- ये पांच ‘पितर’ माने जाते हैं।
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राजा की पत्नी, गुरु की स्त्री, मित्र की पत्नी, पत्नी की माता (सास) और अपनी जननी —-ये पांच माताएं मानी गई है। इनके साथ मातृवत् व्यवहार ही करना चाहिए।

अग्नि देव ब्राह्मणों, क्षत्रियों और वेश्यो के देवता है। ऋषि मुनियों के देवता ह्रदय में है। अल्प बुद्धि वालों के देवता मूर्तियों में है और सारे संसार को समान रूप से देखने वालों के देवता सभी जगह निवास करते है।
जानें, घर में आंवला लगाना चाहिए या नहीं ? (देखें Video)


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Jyoti

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