बंदरों की तरफ से उजाड़े खेतों में सोलर प्लांट लगाएगी सरकार

punjabkesari.in Friday, Aug 17, 2018 - 10:00 PM (IST)

शिमला: राज्य सरकार बंदरों की तरफ से उजाड़े गए खेतों में सोलर पॉवर प्लांट लगाने की तैयारी कर रही है। इसके तहत जमीन उपलब्ध करवाने की स्थिति में ऐसे क्षेत्रों में सोलर पॉवर प्लांट लगाए जाएंगे। इन प्रोजैक्टों को लगाने के लिए किसी तरह की क्लीयरैंस की आवश्यकता भी नहीं रहेगी। इसके लिए सरकार की तरफ से सोलर पॉवर पॉलिसी में बदलाव की तैयारी की जा रही है। साथ ही 20 मैगावाट तक के प्रोजैक्ट निजी क्षेत्रों को सौंपे जाएंगे। सूत्रों के अनुसार ऊर्जा विभाग इस दिशा में काम कर रहा है, जिसके लिए संशोधित सोलर पावर पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है।

मंत्रिमंडल के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा ड्राफ्ट
इस ड्राफ्ट को अंतिम रूप देने के बाद इसे मंत्रिमंडल के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। जानकारी के अनुसार संशोधित सोलर पॉलिसी में प्रोजैक्ट लगाने वाली इच्छुक कंपनियों के सुझावों को भी ध्यान में रखा जाएगा। इसी तरह केंद्र की तरफ से जारी दिशा-निर्देशों को भी ध्यान रखा जाएगा। राज्य में इस समय लाहौल-स्पीति जिला में सोलर प्रोजैक्ट लगाने की कुछ कंपनियों ने इच्छा जताई है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी सोलर पॉवर पॉलिसी में बदलाव किया गया है।

34 न्यायिक परिसरों में लगाए जा रहे हैं सोलर प्लांट
प्रदेश के 34 न्यायिक परिसरों में इस समय सोलर पॉवर प्लांट की स्थापना की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। करीब 577 किलोवाट क्षमता के 34 सोलर पॉवर प्लांट पर इसी वर्ष काम पूरा होने की संभावना है। राष्ट्रीय सोलर मिशन के तहत इस पर हिम ऊर्जा कार्य कर रहा है। इन सोलर पॉवर प्लांट के संचालित होने से लाखों की बिजली बचेगी। पहले चरण में 11 पॉवर प्लांट पूरे होंगे जबकि शेष पर भी इसी साल काम पूरा होने की संभावना है। इसमें सबसे अधिक 110 किलोवाट का प्लांट धर्मशाला न्यू कोर्ट परिसर में लगेगा। इसके अलावा शिमला न्यायिक परिसर चक्कर में 100 किलोवाट और रोहड़ू में 10 किलोवाट का प्लांट लगेगा। प्रदेश के सभी जिलों में चरणबद्ध तरीके से इस कार्य को टैंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद शुरू किया जाएगा।


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Vijay

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