जब अटल जी के नाम पर शिमलावासियों ने खोल दिए अपने खजाने (Video)

punjabkesari.in Friday, Aug 17, 2018 - 11:14 AM (IST)

शिमला (राजीव): देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर हिमाचल में शोक की लहर दौड़ गई। बीजेपी सहित अन्य राजनीतिक दलों के साथ आम आदमी भी सदमे है। हिमाचल बीजेपी नेताओं ने वाजयेपी के निधन पर गहरा दुख प्रकट किया है। भाजपा नेताओं ने कहा कि अटल जी के निधन से पार्टी व देश को अपूर्णीय क्षति हुई है। इनके जाने से एक युग का अंत हुआ है। अटल जी बहुआयामी व्यक्तित्व के स्वामी थे। भारतीय जनता पार्टी का स्वरूप खड़ा करने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है और उनका जाना सभी भाजपा कार्यकर्ताओं व देशवासियों के लिए दुख का विषय है। 

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि वाजपेयी का हिमाचल से विशेष स्नेह व लगाव रहा है। वह हिमाचल को अपना घर समझते थे और प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने हिमाचल के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। अब जब वाजपेयी नहीं रहे तो बीजेपी के पुराने कार्यकर्त्ता दीपक को वो पल याद आ गए जब शिमला की जनता ने उनकी रैली के लिए अपने खजाने खोल दिए थे। उन्होंने कहा कि शिमला के अंदर पार्टी ने रैली करवानी थी और उसके लिए चंदा इकट्ठा नहीं हो रहा  था। लोग उस समय चंदा नहीं देते थे लेकिन जब वाजयेपी का नाम लिया गया तो शिमला के लोगों ने दिल खोल कर चंदा दिया और जब वे रैली में शामिल हुए तो शिमला में पांव रखने तक की जगह नहीं मिल पाई थी। 

उन्होंने कहा कि वाजयेपी का इस तरफ से जाना उनके लिए पीड़ादायक है और भारत में वह शून्य छोड़ गए हैं, जिसकी भरपाई नहीं हो सकती। वह देश के सबसे बड़े नेता थे। वाजपेयी के निधन पर युवाओं में भी शोक की लहर है। युवाओं का कहना है कि भारत में युग का अंत हो गया और एक महापुरुष को खोया है। शिमला के निवासी नितिन व्यास का कहना है कि वह वाजपेयी को बचपन से देखते आए हैं। उनकी प्रेरणादायक कविताओं से जुड़कर हमने देखा है और जिस तरफ के वे व्यक्तित्व थे वो दोबारा नहीं मिल पाएंगे। वो पार्टी लाइन से उपर उठकर राजनीति करते थे। उन्होंने कहा कि जब उनकी शिमला में रैली हुई थी तो वो कॉलेज से भाग कर उनको सुनने पहुंचे थे।  

उधर बीजेपी की प्रदेश उपाध्यक्ष रूपा शर्मा ने कहा कि देश ने एक महान व्यक्तितव खो दिया है, वे ऐसा नेता थे जिसे सुनने एक लिए लोगों की भीड़ इकट्ठी होती थी। उन्होंने कहा कि जब शिमला में उनकी रैली हुई थी तो यहा पर पांव रखने तक की जगह नहीं मिल पाई थी और वो अब तक की सबसे बड़ी रैली थी। उन्होंने कहा कि उनके निधन से  देश भर में शोक की लहर है और उनकी कमी कभी पूरी नहीं हो सकती है। 


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Ekta

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