शहर में अवैध अतिक्रमण की भरमार, सोई पड़ी सरकार

punjabkesari.in Monday, Aug 13, 2018 - 11:32 AM (IST)

बटाला(साहिल): नगर कौंसिल की घटिया कार्यप्रणाली की गूंज चाहे समूचे पंजाब में सुनाई देने लगी है परंतु नगर कौंसिल अधिकारियों को लोगों की सुविधाओं से कोई सरोकार नहीं है। शहर में विकास नाम की तो कोई चीज है ही नहीं, उल्टा कौंसिल की घटिया कार्यप्रणाली से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। अब तो इस तरह लगने लगा है कि जैसे बटाला शहर में नगर कौंसिल है ही नहीं। जिसका दिल करता है शहर में कौंसिल के कानूनों की धज्जियां उड़ा रहा है जिसके चलते आम जनता को उसका खमियाजा भुगतना पड़ रहा है। 

नगर कौंसिल के अधिकारियों की नालायकी से शहर में हुए अवैध अतिक्रमण यहां दुर्घटनाओं का सबब बन रहे हैं। वहीं अवैध अतिक्रमणों से जी.टी. रोड, सिटी रोड, समाध रोड, गांधी चौक, जालंधर रोड पर लगते टै्रफिक जाम से दुर्घटनाएं घटने से कई घरों के चिराग बुझ चुके हैं। पता नहीं नगर कौंसिल और कितनी कीमती जानें जाने के बाद जागेगी। शहर में अवैध अतिक्रमणों और फ्लैक्स बोर्र्ड के न हटने में कौंसिल अधिकारियों की कथित मिलीभुगत से भी इंकार नहीं किया जा सकता।

कहा जाता है कि मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के भ्रष्टाचार रहित प्रशासन देने के दावे भी कौंसिल अधिकारियों की घटिया कार्यप्रणाली के सामने बटाला शहर में ठुस्स होकर रह गए हैं जिससे अब तो इस तरह लगने लगा शायद कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को पता ही नहीं कि बटाला नगर कौंसिल उनके अधिकार क्षेत्र में ही आती है, नहीं तो अन्य शहरों की तरह यहां के अधिकारियों पर भी कार्रवाई होनी यकीनी थी। नगर कौंसिल के अधिकारियों की घटिया कार्यप्रणाली ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह और कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की ईमानदार छवि पर सवालिया चिन्ह लगा दिया है।

नगर कौंसिल की आपसी खींचतान का खमियाजा भुगत रहे शहरवासी
सारा बटाला जानता है कि बटाला नगर कौंसिल के अध्यक्ष और ई.ओ. का 36 का आंकड़ा है जिस कारण बटाला शहर मुख्य सुविधाओं से वंचित है। ये दोनों बटाला के विकास को छोड़ एक-दूसरे को नीचा दिखाने की होड़ में लगे हैं जिस कारण शहर में जगह-जगह कूड़े के ढेर, बंद सीवरेज, टूटी सड़कें आम देखने को मिलती हैं। अगर कौंसिल अध्यक्ष द्वारा इसको गंभीरता से लिया जाता है तो ई.ओ. द्वारा टैंडर पास नहीं किए जाते हैं, जिस कारण शहर नर्क बनता जा रहा है वह दिन दूर नहीं जब बटाला शहर हर तरफ से पानी में डूबा नजर आएगा। 

लापरवाही के कारण शहर बना नरक
अगर बात बटाला शहर की सफाई की करें तो सफाई के मामले में छठे नंबर पर रहने वाला बटाला अब 448वें  पायदान पर खिसक चुका है। वैसे तो नगर कौंसिल के अध्यक्ष बड़े-बड़े दावे करते हैं लेकिन आज शहर के हालात को देखें तो ऐसा लगता है कि बरसों से यहां सफाई तक नहीं हुई और कोई भी नेता और कौंसिल अधिकारी शहर के लिए संजीदा नहीं है जिस कारण शहर नरक बन चुका है।

लोगों का चलना हुआ मुश्किल
अगर बात बटाला की मशहूर सिटी रोड, समाध रोड, जालंधर रोड, जी.टी. रोड की हो तो वहां दुकानदारों ने दुकानों के बाहर सामान लगाकर अवैध अतिक्रमण कर लिए हैं, जिसके चलते सड़क तक दिखाई नहीं देती और इस कारण बाजार में से निकलना दुश्वार हो जाता है। इन अवैध अतिक्रमणों से आम लोगों के साथ जहां खरीदारी करने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है, वहीं दुकानदारों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों ने कई बार प्रशासन से अवैध अतिक्रमणों पर कार्रवाई करने की मांग की है परंतु उसके कानों पर जूं तक नहीं रेंगती।

अवैध अतिक्रमण और फ्लैक्स बोर्डों पर कार्रवाई करने के दावे खोखले
जब बटाला शहर की नगर कौंसिल के नए आए कार्यकारी अधिकारी ने पदभार संभाला था तो उन्होंने बड़े-बड़े दावे किए थे कि चंद दिनों में शहर में अवैध अतिक्रमण और फ्लैक्स बोर्डों को नहीं रहने दिया जाएगा परंतु कार्यकारी अधिकारी को बटाला का पदभार संभाले काफी समय हो गया है किंतु शहर में अतिक्रमण वैसे के वैसा ही है। बस केवल कुछ अधिकारियों द्वारा खानापूर्ति के लिए गरीबों को बोर्ड उतारने के लिए बोला जाता है।

‘अधिकारी अपनी खींचतानी में शहर की दुर्गति न करें’

शहर को नर्क बनाने में राजनीतिक आकाओं और कौंसिल अध्यक्ष का बड़ा हाथ है। इस बात का प्रकटावा शहर के अलग-अलग नुमाइंदों ने किया। 
उन्होंने कहा कि बटाला नगर कौंसिल राजनीति की बलि चढ़ चुकी है, जिसके कारण शहर विकास न होने से पिछड़ता जा रहा है, लेकिन कोई भी इस बात को लेकर ङ्क्षचतित नहीं है। उन्होंने कहा कि हाल ही में हुए गुरदासपुर के उप चुनाव के विजेता सुनील जाखड़ ने बटाला दौरे दौरान कहा था कि बटाला को सैरगाह बनाएंगे ताकि लोग दूर-दूर से यहां घूमने के लिए आएं, अगर इस समय सांसद सुनील जाखड़ बटाला आकर बटाला की दयनीय दशा को देखें तो वह अपनी कही बात पर ही हजार बार सोचेंगे। उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब बटाला अनेक बीमारियों से जूझता नजर आएगा। लोगों ने प्रशासन से मांग की कि वह गंभीर होकर बटाला को बेहतर बनाने में पहलकदमी करे और अपने अधिकारियों की खींचातानी में शहर की और दुर्गति न करे।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

swetha

Recommended News

Related News