कैसे जानें बच्चे को है तनाव? इस थैरेपी से निकाले उन्हें डिप्रैशन से बाहर

punjabkesari.in Saturday, Jul 21, 2018 - 06:02 PM (IST)

तनाव या अन्य किसी से वजह से डिप्रैशन की बीमारी बड़ी तेजी से फैल रही हैं। डिप्रैशन बड़ों से लेकर टीनएजर तक, हर किसी को अपनी चपेट में लेता जा है, जिसका शिकार हर 5 में से 3 शख्स हैं। बच्चों में डिप्रैशन की कई वजह हो सकती है लेकिन इस बीमारी के शिकार होने से पहले ही बच्चों में कुछ बदलाव या लक्षण नजर आने लगते हैं, जिन्हें पेरेंट्स अक्सर अनदेखा कर देते हैं। दरअसल, जब बच्चा अकेला रहने लगे, उसका काम में मन न लगे व वह सारी रात जागता रहे तो ऐसे में सतर्क हो जाए क्योंकि बच्चों में दिखने वाले ये लक्षण डिप्रैशन की ओर इशारा करते हैं।  

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बता दें कि कुछ मामलों में 3 साल की उम्र के बच्चों में भी डिप्रैशन पाया गया है, जिस वजह से बच्चों को स्कूल जाने से पहले एंटी डिप्रेशन दवाएं लेनी पड़ती है और उन्हें साइकोथैरेपी की भी जरूरत पड़ती है। हाल ही में हुए शोध के मुताबिक, एक नई थैरेपी के तहत पेरेंट्स बच्चों से बातचीत करने की कला सीख कर अपने बच्चे में डिप्रैशन को कम कर सकते हैं। जी हां, पेरेंट्स चाइल्ड इंट्रेक्शन थैरेपी(पीसीआईटी) से बच्चों को डिप्रैशन से बाहर निकाल सकते है। 

 

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इस थैरेपी में पेरेंट्स को बच्चों से बात करने की सही तकनीक सिखाई जाती हैं। जिनका अभियास पहले पेरेंट्स से विशेषज्ञों की देखरेख में करवाया जाता है। इस थैरेपी के जरिए पेरेंट्स अपने बच्चों की भावनाओं पर नियंत्रण रखना सिखाया जाता है और उन्हें बच्चों से भावनात्मक रूप जुड़ने की तकनीक सिखाई जाती है। इसकी तकनीक के जरिए बच्चा अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखना सीख जाता है और उन्हें अपने पेरेंट्स से आसान तरीके से व्यक्त भी करता है। 


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Content Writer

Sunita Rajput

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