गुंडागर्दी : रेत माफिया को रोकना नहीं ‘आसान’
punjabkesari.in Thursday, Jun 21, 2018 - 12:47 PM (IST)
नयागांव(मुनीष) : रेत माफिया वालों की गुंडागर्दी जयंती राव नदी में सरेआम देखी जा सकती है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह द्वारा रेत माफिया वालों के खिलाफ चलाई गई मुहिम का असर भी यहां पर देखने को नहीं मिलता है और अवैध खनन जोरों पर जारी है। नदी में जगह-जगह गड्ढे पड़े हुए हैं, जहां से रेत निकाली जा रही है।
रेत माफिया पर शिकंजा कसने के लिए ब्लॉक फारैस्ट ऑफिसर देविंद्र ने टीम के साथ नाका लगाया हुआ था तो रेत माफिया के गुंडों ने उन पर जानलेवा हमला कर दिया, जो अब अस्पताल में जिंदगी और मौत से लड़ रहे हैं।
धमकाते हैं आवाज उठाने वालों को, अधिकारी भी नहीं सुनते :
स्थानीय निवासी गुरचरण सिंह, अरविंद्र पुरी, लखमीर सिंह, लाल सिंह, हनी और अशोक कुमार ने बताया कि नदी में अवैध खनन की शिकायत उन्होंने मुख्यमंत्री को भी भेजी थी और अधिकारियों को भी इस बारे अवगत करवाया था पर फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। अरविंद पुरी ने बताया कि यदि उनकी शिकायत पर अमल होता तो शायद आज इतना बड़ा हमला नहीं होता।
उन्होंने बताया कि रेत माफिया वालों के खिलाफ जो भी आवाज उठाना चाहता है तो उन्हें डर रहता है कि कहीं उन पर भी ऐसा हमला न हो जाए। वहीं उन्होंने बताया कि नदी के आसपास झुग्गी वालों ने डेरा जमाया हुआ है जिनका इस्तेमाल रेत माफिया वाले अपने ट्रैक्टर-ट्राली भरने के लिए करते हैं। उन्होंने यहां से इन झुग्गियों को उठाने की शिकायत भी पुलिस को दी थी।
पुलिस भी नहीं दिखती सक्रिय :
वन कर्मचारियों पर हमले के दौरान पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्नचिन्ह उठे हैं। गार्ड रविंद्र सिंह ने बताया था कि जब उन पर हमला हुआ था तो उन्होंने 100 नंबर पर कॉल की थी पर पुलिसकर्मी उनकी सहायता के लिए नहीं पहुंचे थे। अब स्थानीय लोगों को इस बात का भय सताने लगा है कि उनके साथ अगर ऐसी कोई घटना घटती है तो उनकी सहायता कौन करेगा? पुलिस की कार्यप्रणाली की पोल तो इस हमले ने खोल दी है।