काला कच्छा गिरोह के सक्रिय होने पर DGP ने जारी किए आदेश

punjabkesari.in Monday, Jun 18, 2018 - 03:21 PM (IST)

कपूरथला (भूषण): करीब एक दशक पहले पूरे प्रदेश में हत्या व लूट की वारदातों को अंजाम देकर भारी दहशत फैलाने वाले काला कच्छा गिरोह द्वारा फिर से सक्रिय होकर प्रदेश में कुछ स्थानों पर गंभीर आपराधिक वारदातों को अंजाम देने के मामले सामने आते ही डी.जी.पी. पंजाब सुरेश अरोड़ा द्वारा सभी जिलों के एस.एस.पी. को अपने-अपने जिलों में बनी पुरानी व नई झुग्गी-झोंपड़ी बस्तियों की तलाशी लेने को लेकर जारी किए गए आदेशों के बावजूद फिलहाल जहां कपूरथला शहर सहित पूरे जिले में झुग्गी-झोंपड़ी बस्तियों की चैकिंग का दौर फिलहाल शुरूनहीं हुआ है, वहीं जिले में कई क्षेत्रों में विगत कुछ महीनों के दौरान कई नई झुग्गी-झोंपड़ी बस्तियां सामने आई हैं, जहां पर बड़ी संख्या में संदिग्ध लोगों के रहने की आशंका है।

वर्ष 2001 से लेकर 2008 तक प्रदेश के कई जिलों में हत्या, लूट व डकैती की असंख्य वारदातों को अंजाम देकर कई मासूम लोगों का कत्ल करने वाला कच्छा गिरोह प्रदेश में 2001 में सक्रिय हुआ था, जिसने पूरे प्रदेश में रात के समय गंभीर आपराधिक वारदातों को अंजाम देकर लोगों में भारी खौफ पैदा कर दिया था।

इस गिरोह के सदस्यों ने जिला कपूरथला में भी कई वारदातों को अंजाम दिया था। इस गिरोह के पकड़े गए सदस्यों ने पुलिस के समक्ष खुलासा किया था कि उनके गैंग के सदस्य प्रदेश के शहरों के बाहर अपनी झुग्गियां डाल कर दिन के समय शहरों व गांवों में उन कोठियों व घरों की रेकी करते हैं जो काफी सुनसान क्षेत्रों में होते है। फिर इसके पश्चात वे रात होते ही तेजधार हथियारों से लैस होकर इन घरों में हमले कर वहां रहने वाले लोगों को अपना शिकार बनाते हैं, जिसके पश्चात पंजाब पुलिस ने बड़े स्तर पर कार्रवाई करते हुए इस गिरोह के बड़ी संख्या में सदस्यों को गिरफ्तार किया था, जिसके परिणामस्वरूप कई वर्षों से इस गिरोह की गतिविधियां काफी हद तक बंद हो गई थीं तथा आम लोगों को इससे भारी राहत मिली थी। लेकिन अब फिर से इस गिरोह के सक्रिय होने से लोगों में भारी चिंता व्याप्त हो गई है।

गत कुछ महीनों के दौरान कपूरथला शहर के कई बाहरी क्षेत्रों सहित पूरे जिले में कई नई झुग्गी-झोंपड़ी बस्तियां बनी हैं। 10 से 15 झुग्गियों पर आधारित ये बस्तियां ज्यादातर बाहरी प्रदेशों से आए लोगों की हैं, जोकि एक ही परिवार से संबंधित हैं तथा ऐसे लोगों के नाम व पते भी नजदीकी थानों में दर्ज नहीं हैं। वहीं झोंपडिय़ों में रात के समय संदिग्ध व्यक्तियों को घूमते देखा जा सकता है, लेकिन फिलहाल ऐसी बस्तियों की तलाशी न होने के कारण ये लोग बेखौफ होकर बिना किसी वैरीफिकेशन के अपनी झुग्गियों में रह रहे हैं।


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Anjna

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